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मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्राइमरी स्कूल स्टूडेंट्स के काफी ज्यादा वजनी स्कूल बैग के मामले में समझाते हुए कहा है कि अब सप्ताह में एक दिन बच्चों को बिना बैग के स्कूल बुलाया जाए। बाल संरक्षण बाल अधिकार संरक्षण आयोग का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने सप्ताह में 1 दिन बच्चों को बिना बैग स्कूल आने की सुविधा दी है। आयोग के सदस्य बृजेश चौहान ने कहा है कि मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री चाहें तो मध्यप्रदेश में भी इस पर अमल किया जा सकता है। और बच्चों के लिए कुछ किया जा सकता है आयोग की टीम ने पिछले दिनों जब कई जिलों के स्कूलों का निरीक्षण किया तो 15 से 20 किलो के बैग छोटी क्लास के बच्चों के साथ पाए गए। जबकि 5 किलो से ज्यादा वजन के बैग इन बच्चों के पास नहीं होना चाहिए। बफ रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2020 में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा स्कूल बैग पॉलिसी जारी की गई थी। बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य बृजेश चौहान के मुताबिक सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि दिसंबर 2020 की पॉलिसी पर अमल कराया जाए। आयोग की टीम आचार संहिता के बाद स्कूलों का औचक निरीक्षण भी करेगी।
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