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इंदौर में अब मौसम के हिसाब से बंद-चालू होगी स्ट्रीट लाइट
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इंदौर । शहर भर की स्ट्रीट लाइटें अब मौसम के हिसाब से बंद-चालू होंगी। स्काडा सिस्टम के तहत सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल मानिटरिंग सिस्टम (सीसीएमएस) से इन्हें नियंत्रित किया जाएगा। मौसम के हिसाब से रोशनी कम या पर्याप्त होने की जानकारी स्ट्रीट लाइट से सिग्नल कंट्रोल रूम पहुंचेगी और वहीं से स्ट्रीट लाइन को सीधे बंद या चालू किया जा सकेगा। इस पूरी प्रक्रिया में 20 सेकंड का समय लगेगा।

 

 

 

कंट्रोल रूम में एक पैनल पर लगभग 150 स्ट्रीट लाइटों की जानकारी होगी। इस सिस्टम से बिजली की चोरी रोकने में भी मदद मिलेगी। स्ट्रीट लाइट पर लोड बढ़ते ही कंट्रोल रूम पर इसकी जानकारी पहुंच जाएगी। नगर निगम को नए सिस्टम से प्रतिमाह करीब 2 करोड़ 72 लाख रुपये की बचत होगी।

 

 

 

रविवार को नगर निगम के विद्युत विभाग ने शहर की स्ट्रीट, कालोनी एवं उद्यान की प्रकाश व्यवस्था का स्काडा सिस्टम के तहत सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल मानिटरिंग सिस्टम (सीसीएमएस) का लाइव प्रदर्शन किया। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, सांसद शंकर लालवानी, विद्युत विभाग समिति प्रभारी जितेंद्र यादव जीतू, विधायक रमेश मेंदोला, महेंद्र हार्डिया, मधु वर्मा, गोलू शुक्ला, महापौर परिषद सदस्य उपस्थित थे।

 

 

 

चार माह में पूरी तरह से लागू कर देंगे

 

महापौर पुष्यमित्र भार्गव और विद्युत प्रभारी जीतू यादव ने बताया कि अगले चार माह में पूरे शहर की विद्युत व्यवस्था को डिजिटल प्लेटफार्म पर कर दिया जाएगा। यह सिस्टम इंदौर को डिजिटल इंदौर बनाने के क्रम में बेहतर कदम है। सीसीएमएस सिस्टम से विद्युत व्यय में लगभग 2.72 करोड रुपये की बचत होगी।

 

 

 

यह सिस्टम लैपटाप और मोबाइल के माध्यम से कंट्रोल हो सकता है। इसके द्वारा शहर की कालोनियां एवं उद्यानों में लगी स्ट्रीट लाइट को CCMS (सेंट्रललाइस्ड कंट्रोल मानिटरिंग सिस्टम) पेनल द्वारा शहर की समस्त स्ट्रीट लाइटों को कंट्रोल रूम से, लैपटाप से और मोबाईल से भी नियंत्रित किया जा सकेगा।

 

 

 

अपर आयुक्त नरेंद्रनाथ पांडे ने बताया कि स्काडा सिस्टम से दिन में जलने वाली स्ट्रीट लाइटों को नियंत्रित किया जा सकेगा। इसके अलावा अगर किसी क्षेत्र में स्ट्रीट लाइटें बंद है तो इसकी जानकारी भी सेंट्रल कंट्रोल रूम पहुंच जाएगी।

 

 

 

शहर में लगभग 1 लाख 42 हजार लाइटें लगी हैं। पारंपरिक लाइटों के साथ निगम का लोड 10216 किलोवाट था जो अब घटकर 4039 हो गया है। 6177 किलोवाट भार कम होने से निगम को प्रतिमाह 22.66 लाख रुपये की बचत हो रही है।

Kolar News 5 August 2024

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