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महिला-बाल विकास विभाग द्वारा प्रदेश में पोषण माह के दौरान सभी आँगनवाड़ी केंद्रों में 5 वर्ष तक के बच्चों के लिए स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा हुई। संचालक महिला बाल विकास डॉ. राम राव भोंसले ने बताया कि केंद्रीय महिला-बाल विकास मंत्रालय द्वारा लिए गए निर्णय अनुसार यह स्पर्धा हुई। भोंसले ने बताया कि आँगनवाड़ी केंद्रों पर हर माह की 11 से 20 तारीख के दौरान बच्चों के वजन और ऊँचाई का माप नियमित रूप से लिया जाता है, इस आधार पर बच्चे के पोषण स्तर को जाना जाता है। उन्होंने बताया कि स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा का मुख्य उद्देश्य जन-मानस को यह संदेश देना है कि बच्चे के सही शारीरिक और मानसिक विकास के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार के साथ स्वच्छता और बच्चे की निगरानी करना भी है। उन्होंने कहा कि स्पर्धा से ऐसे बच्चों के माता-पिता को, जो शारीरिक रूप से कमजोर होने और प्रतिरोधक क्षमता की कमी की वजह से बार-बार बीमार पड़ रहे हैं, विशेष देखभाल के लिए प्रेरित करना है। स्पर्धा में स्वस्थ एवं पोषण संबंधी मानकों के आधार पर बच्चों का आकलन कर उन्हें गाँव का स्वस्थ बच्चा घोषित किया गया।
भोंसले ने बताया कि प्रदेश में 26 सितंबर को प्रत्येक आँगनवाड़ी और जिला एवं परियोजना स्तर पर स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा हुई, जिसमें निर्धारित मापदंड के आधार पर 6 माह से 3 वर्ष और 3 से 5 वर्ष के आयु समूह में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान के सबसे स्वस्थ बच्चों को सामूहिक रूप से पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया। प्रत्येक चयनित स्वस्थ बच्चे को जन-प्रतिनिधियों द्वारा प्रमाण पत्र दिया गया। स्वस्थ बच्चों की माताओं एवं अभिभावकों ने अपने बच्चों के लिए अपनाए गए पोषण एवं स्वास्थ संबंधी व्यवहारों को दूसरे अभिभावकों के साथ साझा किया। जन-जागरूकता के लिए पोषण मेला, व्यंजन प्रतियोगिता, हीमोग्लोबिन की जाँच जैसी अन्य महत्वपूर्ण गतिविधि भी हुई।
Kolar News
29 September 2022
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