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भोपाल। मध्यप्रदेश में एक बार फिर मानसून पर ब्रेक लग गया है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो मध्यप्रदेश में 5-6 सितंबर तक तेज बारिश होने का अनुमान नहीं है। कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी या लोकल सिस्टम की गतिविधियां हो सकती हैं। इससे पहले प्रदेश में 5 से 17 अगस्त तक मानसून पर ब्रेक रहा था।
प्रदेश में गुरुवार को हल्की बारिश और बूंदाबांदी का दौर जारी रहा। रीवा, सागर और शहडोल संभाग और इनसे लगे जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश हुई। भोपाल में सुबह फुहार पड़ी। नर्मदापुरम में भी बारिश हुई। इंदौर, जबलपुर और उज्जैन संभाग में भी बूंदाबांदी जारी रही।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि दक्षिण उत्तर प्रदेश के ऊपर एक चक्रवाती घेरा सक्रिय था, इसी से होते हुए मानसून ट्रफ लाइन गुजर रही थी। अब यह सिस्टम कमजोर पड़ कर उत्तरी छत्तीसगढ़ के आसपास पहुंच गया है। इसका मध्यप्रदेश पर ज्यादा असर नहीं है। इस कारण प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर मौसम शुष्क हो रहा है। हालांकि, ग्वालियर, चंबल, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में कहीं-कहीं पर गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी या हल्की मध्यम बारिश हो सकती है। 5 से 6 सितंबर तक मौसम शुष्क रहेगा। लोकल सिस्टम की वजह से कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है। वैज्ञानिक डॉ. सिंह ने बताया कि मानसून का यह दूसरा चरण है। एक-दो दिन में ट्रफ लाइन हिमालय की तरफ शिफ्ट हो जाएगी। इससे मध्य भारत के मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में मानसून ब्रेक जैसी स्थिति रहेगी।
मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में ग्वालियर, चंबल, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में कहीं-कहीं पर गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी या हल्की मध्यम बारिश हो सकती है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन संभाग में कहीं-कहीं बूंदाबांदी होगी। कहीं पर तेज धूप भी खिलेगी।
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