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ग्वालियर। शहर के टेकनपुर स्थित सीमा सुरक्षा बल अकादमी टेकनपुर में गुरुवार को उपनिरीक्षक (विभागीय) क्रमांक-13 की भव्य दीक्षांत परेड निकली। दीक्षांत परेड में 11 महिला प्रशिक्षु उपनिरीक्षक (विभागीय) सहित कुल 221 प्रशिक्षु अधीनस्थ अधिकारियों ने लेकर स्वयं को देश की सेवा के लिए समर्पित किया। दीक्षांत परेड समारोह के मुख्य अतिथि विशेष महानिदेशक, बल मुख्यालय, सीमा सुरक्षा बल डॉ. एसएल थाउसेन के समक्ष प्रशिक्षु अधिकारियों ने शानदार परेड का प्रदर्शन किया।
परेड की शुरुआत मार्कर के परेड ग्राउण्ड पर आगमन से शुरू हुई। परेड ने वीरांगना लक्ष्मीबाई परेड स्थल पर सुसज्जित होकर पहले सीमा सुरक्षा बल अकादमी के महानिरीक्षक सह संयुक्त निदेशक एवं मुख्य प्रशिक्षक जेएस ऑबराय तथा अकादमी के अपर महानिदेशक, निदेशक पंकज गूमर को सलामी दी।
मुख्य अतिथि डॉ. एसएल थाउसेन ने परेड से पहले शहीद स्मारक, अजेय प्रहरी पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्य अतिथि सीमा सुरक्षा बल के अश्वरोही दल की अगवानी में परेड स्थल पर पहुंचे और वहां परेड की सलामी ली। इसके बाद सुसज्जित परेड का निरीक्षण किया। इसी कड़ी में परेड कमाण्डर प्रशिक्षु शक्ति सिंह तथा सभी प्रशिक्षु अधिकारियों ने देश की एकता, अखण्डता व सम्प्रभुता को बनाये रखने के लिये अपने आपको समर्पित करने की शपथ ली।
मुख्य अतिथि डॉ. थाउसेन ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज आपका स्मार्ट टर्न आऊट, निपुण ड्रिल एवं जोश इस अकादमी में प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त किए आपके उच्च दर्जे के व्यावहारिक प्रशिक्षण, सक्षमता, आत्मविश्वास को जाहिर करता है। आपके द्वारा प्राप्त किए गए प्रशिक्षण को देखकर मैं पूर्णरूपेण आश्वस्त हूँ कि आप लोगों के हाथों में सीमा सुरक्षा बल का भविष्य पूरी तरह सुरक्षित है। मुझे यकीन है कि आप अपनी लगन, समर्पण एवं कठोर परिश्रम की बदौलत न सिर्फ सीमा सुरक्षा बल का, वरन् भारतवर्ष का नाम दुनिया में रोशन करेंगे।
उन्होंने कहा कि आपने आज अपने आपको राष्ट्र को समर्पित कर दिया है। आज के बाद राष्ट्रहित ही आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए। सीमा सुरक्षा बल की तैनाती के दौरान कई बार आपको जोखिम भरे सख्त निर्णय लेने होंगे। ऐसे हालात में भी आपको कानून के दायरे में रहते हुए सच्चाई, गरिमा, ईमानदारी एवं निष्पक्षता के साथ कार्य करना होगा।
उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल देश के सर्वोत्तम सुरक्षा बलों में से एक है, जिसने 1971 के युद्ध में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। आज इसे विश्व के सबसे बड़े सीमा सुरक्षा बल होने का सम्मान भी प्राप्त है। इस बल ने तमाम मुश्किलों के बाद भी बेहतरीन परिणाम दिए है। अतः आपको सीमा सुरक्षा बल के सदस्य होने पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने प्रशिक्षु अधिनस्थ अधिकारियों के माता-पिता को अपने बच्चों को देश सेवा हेतु भेजने के लिए बधाई दी। परेड के उपरान्त डॉ. एसएल थाउसेन, पिपिंग सेरेमनी में प्रशिक्षु अधिनस्थ अधिकारियों और उनके अभिभावकों से मिले।
कठिन परिश्रम से गुजर रहे हैं प्रशिक्षु अधिकारी
अकादमी के निदेशक पंकज गूमर, महानिरीक्षक सह संयुक्त निदेशक जे एस ऑबराय, उप महानिरीक्षक केएल शाह, द्वितीय कमान अधिकारी जय करण एवं सीओटी की प्रशिक्षण टीम के कुशल मार्गदर्शन में इन प्रशिक्षु अधिकारियों ने कठिन प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने आपको देश की सीमाओं की देखभाल के लिये सक्षम बनाया है। मानसिक सजगता, शारीरिक योग्यता तथा बुद्धि की तीक्ष्णता के आधार पर विभागीय स्पर्धा के माध्यम से चुने गए इन युवा अधिनस्थ अधिकारियों में 211 स्नातक तथा 10 स्नात्कोत्तर की शैक्षणिक योग्यता रखते हैं। पास आऊट होने वाले अधिकारी देश के अलग-अलग राज्यों से संबंध रखते हैं।
उपनिरीक्षकों (विभागीय) को 28 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण की भट्टी में फौलाद की तरह तपाकर सीमा सुरक्षा बल की कुशल प्रशिक्षण टीम ने प्रशिक्षित किया गया है। इन्हें शारीरिक प्रशिक्षण, ड्रिल, युद्ध कौशल,निशानेबाजी, बिना हथियार लड़ने की कला, विधि व कानून, मानवाधिकार अधिनियम, पुलिस की रोजमर्रा की कार्यवाही, आपदा प्रबंधन, मैप रीडिंग, सीमा की निगरानी आतंकवाद व उग्रवादियों से लड़ने का प्रशिक्षण दिया है। साथ ही वाहन चलाना, कम्प्यूटर प्रशिक्षण, तैराकी, घुडसवारी और एडवेन्चर ट्रेनिंग का भी गहन प्रशिक्षण दिया गया है। ट्रेनिंग के दौरान इनके व्यक्तित्व को संवारने चरित्र निर्माण तथा नेतृत्व क्षमता को विकसित करने पर विशेष कार्यक्रम चलाये गये हैं। सीमा सुरक्षा बल की सामान्य ड्यूटी की 11 महिला उपनिरीक्षक (विभागीय) भी अपने 28 सप्ताह के कठिन तथा चुनौती पूर्ण प्रशिक्षण के बाद पास-आऊट हुई हैं।
इन श्रेष्ठ प्रशिक्षु अधिकारियों को मिले पदक
ट्राफी का नाम - उप निरीक्षक (विभागीय)
बैटन ऑफ ऑनर(सर्वोत्तम प्रशिक्षु) - अंकित कुमार
नरेशयादवट्रॉफी(ड्रिल में सर्वोत्तम) - शक्ति सिंह
उप्पलट्राफी (बाहरी प्रशिक्षण में सर्वोत्तम) - आरती
महानिदेशक ट्रॉफी (आन्तरिक प्रशिक्षण में प्रथम) - अनिल कुमार
वाधवा ट्राफी (निशानेबाजी में सर्वोत्तम) - सुरेन्द्र कुमार मेघवाल
चंदेल ट्राफी (शारीरिक प्रशिक्षण एवं खेल में सर्वोत्तम) - ललित सुथार
विकास भारद्वाज (कम्प्यूटर में सर्वोत्तम) - मुकेश कुमार
दीक्षांत परेड के अवसर पर अन्य अधिकारी व कार्मिक, ग्वालियर से प्रतिष्ठित अतिथि, प्रशिक्षु अधिनस्थ अधिकारियों के परिवारजन भी उपस्थित थे। परेड़ के समाप्त होने के पश्चात उपस्थित अभिभावकों तथा दर्शकों के मनोरंजन के लिये शानदार डॉग शो, चेतक शो तथा जांबाज शो का आयोजन किया गया, जिसका लोगों ने बहुत आनन्द उठाया।
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