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ज्योतिर्मठ बद्रीनाथ और शारदा पीठ द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के ज्योतिर्मठ बद्रीनाथके नामों का ऐलान कर दिया गया है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को ज्योतिष पीठ बद्रीनाथ और स्वामी सदानंद को द्वारका शारदा पीठ का प्रमुख बनाया गया है। उनके नामों का ऐलान शंकराचार्य जी की पार्थिव देह के सामने किया गया। रविवार को स्वरूपानंद सरस्वती का 98 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में उन्होंने अंतिम सांस ली थी। सोमवार को नरसिंहपुर में उन्हें समाधि दी गई। स्वरूपानंद सरस्वती की पार्थिव देह के समक्ष यह ऐलान कर दिया गया कि ज्योतिष पीठ का प्रभार अभी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज के पास है। जबकि द्वारका पीठ का प्रभार दंडी स्वामी सदानंद सरस्वती को मिला हुआ है। अविमुक्तेश्वरानंद का जन्म उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में हुआ था। इनका पहले का नाम उमाकांत पांडे था। छात्र जीवन में वे बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रनेता भी रह चुके हैं। अविमुक्तेश्वरानंद युवावस्था में शंकराचार्य आश्रम में आए थे। ब्रह्मचारी दीक्षा के साथ ही इनका नाम ब्रह्मचारी आनंद स्वरूप हो गया था। बनारस में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा दंडी दीक्षा दिए जाने के बाद इन्हें दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के नाम से जाना जाने लगा। अब उत्तराखंड के बद्रिकाश्रम में शंकराचार्य के प्रतिनिधि के रूप में ज्योतिषपीठ का कार्य संभाल रहे हैं।
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