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राष्ट्रीय मीन्स कम मेरिट स्कालरशिप परीक्षा में इस वर्ष मध्यप्रदेश से रिकार्ड 2 लाख 52 हज़ार से अधिक विद्यार्थियों ने सहभागिता की है। गत वर्षों में इस छात्रवृति परीक्षा में सम्मिलित होने वाले विद्यार्थियों की संख्या वर्ष 2019 में अधिकतम एक लाख ही रही है। इस सबंध में संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र धनराजू एस ने बताया कि पूर्व वर्ष तक इस परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया एमपी ऑनलाइन कियोस्क से होती थी। जिसके स्थान पर इस वर्ष राज्य शिक्षा केन्द्र के द्वारा मोबाइल एप प्रणाली विकसित कर शालाओं के प्रधानाध्यापकों के माध्यम से विद्यार्थियों के पंजीयन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
संचालक धनराजू एस ने बताया कि राष्ट्रीय मीन्स कम मेरिट परीक्षा का उददेश्य आर्थिक रूप से कमजोर किन्तु प्रतिभाशाली छात्रों का चयन कर छात्रवृति प्रदान करना है। इस परीक्षा के लिए म.प्र. राज्य में स्थित केवल शासकीय एवं शासकीय अनुदान प्राप्त अथवा स्थानीय निकायों द्वारा संचालित विद्यालयों में कक्षा 8 वीं में नियमित रूप से अध्ययनरत ऐसे विद्यार्थी ही पात्र होते हैं, जिन्होंने कक्षा 7 वीं में कम से कम सी ग्रेड प्राप्त किया है। छात्र-छात्राओं के अभिभावक की वार्षिक आय 3.50 लाख रूपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। छात्रवृति के लिए मध्यप्रदेश राज्य के लिए शिक्षा मंत्रालय, केन्द्र सरकार द्वारा 6,446 छात्रों का कोटा निर्धारित है। इसमें चयनित छात्रों को कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक 12 हजार रूपये प्रतिवर्ष के मान से छात्रवृत्ति प्राप्त होती है। इस वर्ष इस परीक्षा के सुचारू आयोजन के लिए संपूर्ण प्रदेश में कुल 811 परीक्षा केन्द्र बनाये गए थे। छात्रवृति के लिए कुल 2 लाख 52 हजार 410 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी है।
Kolar News
8 November 2022
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