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उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर जोन अंतर्गत मगधी रेंज में बाघिन का रेस्क्यू किया गया है। बाघिन को इलाज और प्रशिक्षण के लिए वन विहार भोपाल भेजा गया है। बाघिन की उम्र लगभग 3 वर्ष बताई जा रही है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर जोन अंतर्गत मगधी रेंज के मगधी बीट के बहेरहा इनक्लोजर नम्बर 3 में पनपथा बफर जोन के करौंदिया बीट से 3 माह पूर्व रेस्क्यू कर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बहेरहा इनक्लोजर में लाई गई थी। पूर्व में रेस्क्यू करके लाने का कारण रहा कि यह बाघिन गांव में घरों के पास घुस कर बैठ जाती थी, हालांकि बाद में यह ग्राम बमेरा में एक बुजुर्ग को घर में घुस कर मार दिया था, इसी के चक्कर में इसका रेस्क्यू किया गया था और 3 माह से लगातार इनक्लोजर में रहने के बाद भी इसमें वाइल्ड नेचर नहीं उत्पन्न हो सका जिसके कारण इसको रेस्क्यू कर डॉक्टरों की निगरानी में वन विहार भोपाल भेज दिया गया।
अच्छे देख रेख के लिए वन विहार भोपाल भेजा गया
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मगधी परिक्षेत्र से शुक्रवार की रात को मादा बाघ का रेस्क्यू किया गया। मादा बाघ की उम्र 3 वर्ष होने के बाद भी जंगल में शिकार करने में भी असमर्थ रही। बाघिन बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में आइडेंटिफाई नहीं रही है। बाघिन का रेस्क्यू करने के बाद डाक्टरों की टीम ने जांच किया और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की टीम ने बाघिन को वन विहार भोपाल भेज दिया। जहां पर बाघिन का इलाज और शिकार सिखाया जाएगा।
इस संबंध में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उप संचालक प्रकाश कुमार वर्मा ने बताया कि बाघिन का व्यवहार जंगली नही है और वो शिकार करने में भी असमर्थ है, उसमें वाइल्ड नेचर नही है, इसलिए उच्च अधिकारियों से अनुमति लेकर उसका रेस्क्यू किया गया है। बाघिन की उम्र लगभग 3 वर्ष होगी। बाघिन को इलाज और ट्रेनिंग के लिए भोपाल वन विहार भेजा गया है।
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