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वैशाख मासिक शिवरात्रि व्रत शनिवार को, अपनी राशि के अनुसार करें शिव पूजन
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भोपाल । ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव हैं और प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 26 अप्रैल, शनिवार को प्रातः 8:28 बजे आरंभ होकर 27 अप्रैल, रविवार को प्रातः 4:50 बजे समाप्त होगी। अतः निशीथ काल की पूजा 26 अप्रैल, शनिवार को होगी, इसलिए इस दिन वैशाख मासिक शिवरात्रि का व्रत मनाया जाएगा।

वैशाख मासिक शिवरात्रि के विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं ज्योतिषाचार्य महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि निशीथ पूजा का मुहूर्त : रात्रि 11:55 बजे से 12:48 बजे तक रहेगा। चूंकि यह तिथि शनिवार को पड़ रही है, अतः इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। इस दिन शिव मंदिरों में प्रातःकाल से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगती है। उन्‍होंने कहा, शिव पूजा पापों का क्षय करती है। विशेष रूप से महिलाओं के लिए शिवरात्रि अत्यंत फलदायक मानी जाती है। अविवाहित महिलाएं योग्य वर प्राप्ति हेतु शिव से प्रार्थना करती हैं, जबकि विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु और परिवार की समृद्धि हेतु व्रत रखती हैं।


पूजन विधि : विधिपूर्वक व्रत करने वाले भक्त गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, पुष्प, शुद्ध वस्त्र, बिल्व पत्र, धूप, दीप, नैवेद्य, चंदन, ऋतुफल, आक-धतूरे के पुष्प, चावल आदि से शिवलिंग का अभिषेक करें। रात्रि जागरण करते हुए शिवपुराण, रुद्राभिषेक, शिव कथा, शिव स्तोत्रों तथा 'ॐ नमः शिवाय' का पाठ करें। इससे अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्यफल प्राप्त होता है और व्रती को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
राशि के अनुसार शिव पूजा :

मेष राशि : जल में गुड़, गन्ने का रस अथवा शहद मिलाकर अभिषेक करें। लाल चंदन से तिलक लगाएं, बेलपत्र पर 'ॐ नमः शिवाय' लिखकर अर्पित करें। 11 ब्राह्मणों को शिवपुराण दान करें।

वृष राशि : गाय के दूध व दही से अभिषेक करें। चावल, सफेद चंदन, सफेद आक, सफेद वस्त्र, चमेली पुष्प चढ़ाएं। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें एवं 11 वेदपाठी ब्राह्मणों को रुद्राक्ष माला दान दें।

मिथुन राशि : गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें। बेलपत्र, शमीपत्र, साबुत हरे मूंग, भांग, दूर्वा व कुश अर्पित करें। शिव चालीसा का पाठ करें एवं 11 शिव चालीसाएं मंदिर में अर्पित करें।

कर्क राशि : दूध, दही व देशी घी से अभिषेक करें। सफेद चंदन से तिलक लगाएं। साबुत अक्षत, सफेद गुलाब और शंखपुष्पी चढ़ाएं। शिवाष्टक का 11 बार पाठ करें। सफेद वस्त्र दान करें।

सिंह राशि : जल में गुड़, लाल चंदन व शहद मिलाकर अभिषेक करें। लाल पुष्प, लाल चंदन से तिलक करें। गुड़-चावल से बनी खीर का प्रसाद बांटें। शिव महिम्न स्तोत्र का पाठ करें। कमलगट्टे की 11 मालाएं दान करें।

कन्या राशि : गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें। पान, बेलपत्र, धतूरा, भांग व दुर्वा अर्पित करें। शिवपुराण कथा का वाचन या श्रवण करें।

तुला राशि : चमेली तेल, दही, इत्र, घी, दूध से अभिषेक करें। सफेद चंदन से तिलक करें, सफेद वस्त्र दान करें। मिश्री व खीर का प्रसाद चढ़ाएं। शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें।

वृश्चिक राशि : जल में गुड़, लाल चंदन व शहद मिलाकर पंचामृत से अभिषेक करें। केसर व लाल पुष्प चढ़ाएं। लाल हलवे का भोग लगाएं। भगवान शिव के 1000 नामों का स्मरण करें।

धनु राशि : दूध में केसर, हल्दी व शहद मिलाकर अभिषेक करें। केसर, पीले चंदन से तिलक करें। पीले गेंदे की माला चढ़ाएं। पीले वस्त्र दान करें। शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करें।

मकर राशि : जल में दूध या गेहूं मिलाकर अर्पित करें। तिल के तेल व नीले पुष्प चढ़ाएं। नीले वस्त्र दान करें। भगवान शिव के 108 नामों का स्मरण करें।

कुंभ राशि : नारियल पानी या तिल के तेल से रुद्राभिषेक करें। शमी वृक्ष के पुष्प अर्पित करें। शिवाष्टक का पाठ करें।

मीन राशि : केसर मिश्रित जल से जलाभिषेक करें। पंचामृत, दही, दूध व पीले पुष्पों से पूजन करें। ॐ नमः शिवाय का जाप करें एवं शिव चालीसा का पाठ करें।

महत्वपूर्ण बातें :

दिनभर उपवास रखें और शिव का ध्यान करें। प्रातः स्नान कर भस्म का तिलक लगाएं और रुद्राक्ष की माला धारण करें। शिवलिंग पर अर्पित प्रसाद न खाएं; यदि शिवमूर्ति के पास शालिग्राम विराजमान हो तो प्रसाद सेवन निषिद्ध नहीं होता।

Kolar News 25 April 2025

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