Advertisement
भोपाल। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला द्वारा दो माह पहले चार शावक को जन्म दिया था, उनमें से एक शावक की मंगलवार को दोपहर में मौत हो गई। प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) जेएस चौहान ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि कूनो में मादा चीता "ज्वाला" के एक शावक की मृत्यु हुई है। चीता शावक का शव परीक्षण किया गया, जिसमें प्रथम दृष्टया शावक की मृत्यु का कारण कमजोरी से होना प्रतीत होता है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक चौहान ने बताया कि मॉनिटरिंग टीम द्वारा सुबह "ज्वाला" को अपने शावकों के साथ एक जगह बैठा पाया था। कुछ समय बाद मादा चीता अपने शावकों के साथ चलकर जाने लगी, टीम ने तीन शावकों को उसके साथ जाते हुए देखा, चौथा शावक अपने स्थान पर ही लेटा रहा। मॉनिटरिंग टीम द्वारा कुछ समय रुकने के बाद चौथे शावक का करीब से निरीक्षण किया गया। यह शावक उठने में असमर्थ जमीन पर पड़ा पाया तथा टीम को देखकर अपना सिर उठाने का प्रयास भी किया। तत्काल पशु चिकित्सक दल को सूचना दी गई। दल के पहुंचने पर उनके द्वारा चीता शावक को आवश्यक उपचार देने का प्रयास किया गया, लेकिन कुछ ही देर में शावक की मृत्यु हो गई।
उन्होंने बताया कि प्रारंभ से ही यह शावक चारों शावकों में से सबसे छोटा, कम सक्रिय और सुस्त रहा है। सामान्यतः कमजोर चीता शावक अन्य शावकों के मुकाबले कम दूध पी पाता है, जिससे उसके सरवाइवल की उम्मीद कम होती जाती है और ऐसे शावक लम्बे समय तक जीवित नहीं रह पाते।
चौहान ने बताया कि सामान्यत: अफ्रीकी देशों में चीता शावकों का सरवाइवल प्रतिशत बहुत कम होता है। उपलब्ध साहित्य एवं विशेषज्ञों के अनुसार खुले जंगल में सरवाइवल प्रतिशत मात्र 10 प्रतिशत होता है। प्राकृतिक स्थलों में मात्र 10 में से एक चीता शावक वयस्क हो पाता है। इसीलिए सामान्यत जन्म लेने वाले शावकों की संख्या अन्य जंगली बिल्ली प्रजातियों की तुलना में चीता में सर्वाधिक होती है।
Kolar News
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.
Created By:
![]() |