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बिजली कंपनी को पिछले 8 साल में बिजली चोरी से 46140 करोड़ रुपए से ज्यादा का घाटा हुआ है। कंपनी ने चोरों पर नकेल कसने के लिए पुलिस की तर्ज पर शहर में मुखबिर छोड़े हैं। इनके बताए इलाकों में बिजली कंपनी की टीमें अब एक साथ दबिश देंगी। इसके लिए सबसे पहला टारगेट चोरी की बिजली से रोशन ब्यूटी पार्लर, चाय की होटल, रेस्त्रां, किराना दुकान समेत कमर्शियल ठिकाने होंगे।मार्च की शुरुआत होते ही कंपनी की टीमें इन बिजली चोरी पकड़ेंगी। जोन दफ्तर के अमले में शामिल कर्मचारियों के अलावा हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों के साथ दबिश दी जाएगी। ये टीम छोला, करोंद, भानपुर, चांदबड़, पंचशील नगर, जहांगीराबाद, बाग फरहत अफजा, बाग उमराव दूल्हा, बाग दिलकुशा, नवाब कॉलोनी, मजदूर नगर, काजी कैंप, आरिफ नगर, ऐशबाग आदि इलाकों में पहुंचेंगी। इनमें से ज्यादातर इलाकों में 80% से ज्यादा बिजली चोरी हो रही है।मुखबिरों की सूचना पर बिजली कंपनी के कुछ इंजीनियरों ने बिजली चोरों की करतूत के मैकेनिज्म की पूरी स्टडी भी की है। डायरेक्ट लाइन पर तार डालने से लेकर मीटर में छेड़छाड़ करने तक के शातिर तरीकों पर बारीकी से गौर किया गया है।इन इलाकों में 2.80 रु. प्रति यूनिट से 4.50 रु प्रति यूनिट तक ही वसूली हो पाती है। बिजली की औसत लागत 6.50 रु. प्रति यूनिट पड़ती है। इस िहसाब से कंपनी को प्रति यूनिट ₹2 से लेकर ₹4 तक का नुकसान होता है। यहां दोगुनी वसूली की जाएगी।
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