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बालाघाट में एक ज्वेलर्स ने अपनी सारी संपत्ति दान कर संन्यास ले लिया है। ज्वेलर्स ने अपनी 11 करोड़ की संपत्ति दान कर अपने परिवार सहित ग्रहस्त जीवन त्याग दिया। सराफा व्यपारी ने आज से 7 साल पहले ही सन्यास लेने का मन बना चूका था। वही उनकी पत्नी बचपन से ही आध्यात्म की ओर चलने वाली थी और उनके बेटे ने भी 4 साल की उम्र में ही इस पथ पर जाने का मन बना लिया था। लेकिन बेटे की उम्र काम होने की वजह से उन्हें 7 साल तक इंतज़ार नकारना पड़ा। आपको बता दें की राकेश सुराना (40) , उनकी पत्नी लीना सुराना (36) और बेटे अमय सुराना(11) 22 मई को जयपुर में दीक्षा लेंगे। राकेश सुराना ने बताया की उन्हें धर्म, आध्यात्म और आत्म स्वरूप को पहचानने की प्रेरणा गुरु महेंद्र सागर महाराज और मनीष सागर महाराज के प्रवचनों और उनके सानिध्य में रहते प्राप्त हुई। दीक्षा लेने से पहले शहर के लोगों ने शोभायात्रा निकालकर राकेश सुराना उनकी पत्नी लीना सुराना और बेटे अमय सुराना को विदाई दी।
राकेश सुराना ने एक छोटी सी सुनार की दुकान से शुरुआत की थी। उन्होंने अपने बड़े भाई से प्रेरणा लेकर और अपनी कड़ी मेहनत से एक उच्च मुकाम हासिल किया था। राकेश आर्थिक और पारिवारिक संपन्न व्यक्ति थे। उनकी ज़िन्दगी में वे साडी सुख सुविधएं थी ,जो ऐश-ओ-आराम से भरी एक अच्छी ज़िन्दगी दे सके। लेकिन उन्होंने भौतिक सुखों को छोड़ कर आध्यात्म को चुना और संयम के रास्ते पर चलने का फैसला लिया। उन्होंने अभी तक कमाई हुई सारी संपत्ति गोशाला और धार्मिक संस्थानों में दान कर दी ,और सन्यासी जीवन की ओर चल पड़े।
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