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भोपाल । मध्य प्रदेश में मानसून ब्रेक के कारण बीते तीन माह से बंद सभी नेशनल पार्क आज (एक एक्टूबर) से पर्यटकों के लिए खुल गए हैं। लोग अब इन नेशनल पार्कों में न केवल छुट्टियों का लुत्फ उठा सकेंगे, बल्कि यहां बाघो के दीदार भी कर सकेंगे। पर्यटकों के स्वागत के लिए सभी पार्कों में व्यवस्थाएं चाक-चौबंद कर ली गई हैं।
मध्य प्रदेश में कुल छह टाइगर रिजर्व नेशनल पार्क हैं। इनमें कान्हा, बांधवगढ़, पन्ना, पेंच, सतपुड़ा और संजय डुबरी शामिल हैं। बरसात के मौसम में एक जुलाई से 30 सितंबर तक इन नेशनल पार्कों को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया जाता है। दरअसल, मानसूनी मौसम में वन्य जीवों में मैटिंग काल व बारिश से नदी नालों झरनों से वन पथ खराब होने की भी आशंका रहती है। ऐसे में कोई अनहोनी या अप्रिय घटना भी घटित हो सकती है। इसे देखते हुए राज्य सरकार द्वारा सभी अभ्यारण्य व टाइगर रिजर्व को बंद रखा जाता है।
अब तीन माह के बाद टाइगर रिजर्व फिर से पर्यटकों के खुल गए हैं, तो लोग एक बार फिर यहां घूम-फिर सकेंगे और पार्कों के अंदर यानी कोर एरिया में जाकर करीब से टाइगर्स का दीदार कर सकेंगे। पर्यटकों को टाइगर रिजर्व की सैर करने के लिए ऑनलाइन बुकिंग की व्यवस्था की गई है, जो महीनेभर पहले ही ओपन कर दी गई थी। इन पार्कों में दशहरा और दीपावली की छुट्टियों में पर्यटकों के भारी संख्या में आने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि सभी छह टाइगर रिजर्व 10 अक्टूबर तक बुक हो चुके हैं, लेकिन दीपावली के आसपास की बुकिंग अभी खाली है। ऐसे में पर्यटक इस दौरान छुट्टियों का मजा भी उठा सकेंगे।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में देश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र मौजूद है। प्रदेश के टाइगर रिजर्व में देश के सबसे ज्यादा 785 टाइगर मौजूद हैं। प्रदेश में बाघों की संख्या 526 से बढ़कर 785 से ज्यादा हो गई है। बांधवगढ़ में 165, कान्हा टाइगर रिजर्व में 129, पेंच टाइगर रिजर्व में 123, पन्ना टाइगर रिजर्व में 64, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में 62 और संजय डुबरी नेशनल पार्क में 20 से ज्यादा टाइगर्स मौजूद हैं। यही वजह है कि यहां बाघों का दीदार आसानी से हो जाता है।
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