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खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा है कि उत्पाद या सेवाओं को लेकर किए जाने वाले भ्रामक प्रचार पर रोक लगाने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई लोकप्रिय व्यक्ति या सेलिब्रिटी किसी ऐसे उत्पाद या सेवा का प्रचार-प्रसार करता है या उसे बढ़ावा देता है, जिससे उपभोक्ता को नुकसान हुआ हो या नुकसान होने की संभावना है तो उत्पाद के विनिर्माता या सेवा प्रदाता के साथ ही सेलिब्रेटी को भी जिम्मेदार माना जाएगा। एम.बी.बी.एस. की तरह लॉ की पढ़ाई भी हिन्दी में प्रारंभ की जाना चाहिए। इससे हिन्दी मीडियम के छात्र भी सहजता से कानून की पढ़ाई कर सकेंगे। मंत्री सिंह शुक्रवार को राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 को लागू करने की चुनौतियाँ विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला के सेमीनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह आयोजन उपभोक्ता संरक्षण की मंशा के अनुरूप लोगों को त्वरित न्याय एवं जागरूकता प्रदान करने में महती भूमिका अदा करेगा। कार्यशाला का शुभारंभ प्रमुख सचिव खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण फैज़ अहमद किदवई, वाइस चांसलर प्रो. डॉ. विजय कुमार एवं प्रो. डॉ. राजीव खरे द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
मंत्री सिंह ने कहा कि वैश्वीकरण के इस दौर में उपभोक्ता वस्तुओं एवं सेवाओं की बिक्री में बढ़ोत्तरी के साथ उपभोक्ता समस्याओं में भी बढ़ोत्तरी हो रही है। इस बदलते परिवेश में यह आवश्यक हो गया है कि उपभोक्ताओं को यह ज्ञात हो कि उन्हें खरीदारी करते समय क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिये। यदि कोई समस्या आती है तो उसका निराकरण किस प्रकार होगा। उपभोक्ताओं तक इसकी भी सही जानकारी पहुँचे। मंत्री सिंह ने कहा कि उपभोक्ता चाहे तो अपनी शिकायतों को ऑनलाइन भी दर्ज करा सकता है। ई-दाखिल पोर्टल से ऑनलाईन शिकायत दर्ज करने की व्यवस्था प्रदेश में प्रारंभ हो चुकी है। उपभोक्ता हित में यह एक अभिनव पहल है, जिसमें उपभोक्ता प्रदेश के किसी सुदूर क्षेत्र से भी ई-दाखिल पोर्टल पर ऑनलाईन अपना परिवाद आसानी से ई-फाइल कर सकता है।
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