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मध्य प्रदेश सरकार द्वारा महत्वपूर्ण तैयारी की जा रही है। इसके तहत नदियों के संरक्षण पर एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है। जल्द ही इस पर कार्यशैली शुरू की जाएगी। इसके साथ ही मध्य प्रदेश में नदियों की सफाई का कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसके लिए मास्टर प्लान भी तैयार किया जा रहा है। इसके साथ ही मास्टर प्लान में नदियों के प्रदूषण के स्तर के लिए पुराने और नए डाटा का भी अध्ययन किया जाएगा।मध्य प्रदेश में नदियों की साफ सफाई करने और प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए नई तैयारी की गई है। नदियों के संरक्षण पर बजट में भी बड़ी घोषणा की गई थी। वहीं अब इसके लिए महत्वपूर्ण मास्टर प्लान भी तैयार किया जा रहा है। जिसमें हर छोटी से बड़ी नदियों की जानकारी दी जाएगी। वहीं पर्यावरण, लंबाई, प्रमुख घाट और इसके आसपास के आबादी और जल स्तर से लेकर अन्य जानकारी के साथ मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा।हालांकि चरण दर चरण मध्यप्रदेश में नदियों के संरक्षण का कार्य पूरा किया जाएगा। फिलहाल MP की 15 नदियों का चयन किया गया है। पर्यावरण विभाग द्वारा नदियों से जुड़े हर आदेश प्रावधान और केंद्र के नियम के अध्ययन के कार्यशैली को शुरू कर दिया गया है। मास्टर प्लान में प्रदूषण के स्तर के साथ ही नए डाटा का अध्ययन किया जाएगा। प्रदूषण के स्तर की जांच की जाएगी। उद्गम स्थल से लेकर नदियों के आखिरी छोर तक का सर्वे किया जाएगा। मैदानी, चट्टानी, दलदली जैसे श्रेणियों का अध्ययन किया जाएगा। साथ ही जलीय जीवों की जानकारी भी मास्टर प्लान भी तैयार की जाएगी।समय-समय पर मास्टर प्लान में बताए गए आंकड़ों को अपडेट किया जाएगा। हालांकि फिलहाल इसकी समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है। वहीं अधिकारियों की मानें तो अलग-अलग लेयर से नदी से संबंधित जानकारी डाटा के साथ उपलब्ध कराई जाएगी। विभाग द्वारा दावा किया जा रहा है कि नदियों के संरक्षण के लिए 3D मास्टर प्लान तैयार करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य हो सकता है। वहीं बड़े स्तर से 3D नक्शे को बनाने की प्लानिंग की गई है। कार्यशैली शुरू पहले चरण में जिन नदियों को शामिल किया जाएगा उनमें ताप्ती, सोन, बेतवा, शिप्रा, बेनगंगा के चंबल, सिंध, काली सिंध के अलावा गार, शक्कर वर्धा कुमारी और पार्वती नदियां प्रमुख हू। इसके अलावा इन नदियों की सहायक नदियां भी है। हालांकि पहले प्रमुख नदी के संरक्षण का कार्य शुरू किया जाएगा। हालाकि नर्मदा प्रदेश की प्रमुख नदियों में है लेकिन इनके संरक्षण के लिए अलग से प्रोजेक्ट की तैयार किया जा रहा है। वही नदियों की सहायक नदियां और उप नदियों का भी खाका तैयार किया जा रहा है। कई छोटी नदी और बारिश में बहने वाली नदियों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। नदियों के मास्टर प्लान में भी शहर के मास्टर प्लान की तर्ज पर निर्मित किए जाएंगे। साथ ही इसे सैटेलाइट इमेज से तैयार किया जाना है। इन नदियों पर बने बांधों की भी जानकारी दी जाएगी।की जाएगी। साथ ही प्रदेश की नदियों को संरक्षित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जाएगा। जिससे पर्यावरण में भी बड़े बदलाव देखे जा सकेंगे।
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