ग्वालियर । मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापना का मामला लगातार गरमाता जा रहा है। इस मामले में शनिवार को फिर वकीलों और भीम आर्मी के सदस्यों में झडप हो गई। इस दौरान वकीलों ने भीम आर्मी के कार्यकर्ता को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा।
दो दिन पहले डॉ. अंबेडकर की मूर्ति की स्थापना का विरोध करने वाले वकीलों ने भीम आर्मी को चेतावनी दी थी कि यह गली-मोहल्ला नहीं कोर्ट है, यहां भीम आर्मी आकर दिखाएं। इस पर शनिवार को भीम आर्मी नेता रूपेश केन अपनी टीम के साथ पहुंच गए। यह देख वकील एकजुट हो गए। उन्होंने भारी पुलिस फोर्स के बीच भीम आर्मी नेता रूपेश केन और उनके साथियों से मारपीट कर दी। यह पूरा घटनाक्रम शनिवार शाम को सिटी सेंटर में हाईकोर्ट परिसर के बाहर सड़क पर हुआ है। सड़क पर सिर्फ वकील, पुलिस और भीम आर्मी ही नजर आ रही थी। कोर्ट परिसर के आसपास भारी फोर्स तैनात की गई है।
दरअसल, हाईकोर्ट परिसर में जैसे ही बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने की चर्चा हुई वैसे ही विवाद ने जन्म ले लिया। बार एसोसिएशन मूर्ति लगाने को लेकर विरोध जता रही है। बार एसोसिएशन का कहना है कि हाईकोर्ट की सात सदस्यीय बिल्डिंग कमेटी ने भी परिसर में मूर्ति लगाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। इसके बावजूद बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के अनुयायी वकीलों का एक गुट मूर्ति लेकर हाईकोर्ट पहुंच गया था। उनका कहना था कि उनके पास इजाजत है और मूर्ति की स्थापना होनी है। क्रेन के जरिए मूर्ति लगाने का प्रयास शुरू होते ही बार एसोसिएशन ने विरोध जताते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। हालात बिगड़ते देख पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के साथ ही पुलिस फोर्स मौके पर पहुंचा।
दो दिन पहले हुए तनाव और हंगामे के बाद वकीलों के एक गुट ने अंबेडकर की मूर्ति लगाने का प्रयास कर रहे लोगों को चेतावनी दी थी कि वह भीम आर्मी को बुलाकर लाए हैं, लेकिन भीम आर्मी आ जाए या कोई यहां मूर्ति नहीं लगने देंगे। इसके बाद भीम आर्मी के नेता रूपेश केन अपने साथियों के साथ पहुंच गए। शनिवार शाम वह हाई कोर्ट के बाहर खड़े हो गए। तनाव को देखते हुए पहले ही काफी तादाद में पुलिस बल तैनात था। शाम पांच बजे जैसे ही कोर्ट से वकील बाहर निकले तो वहां भीम आर्मी को देखते ही वहां हंगामा खड़ा हो गया। मौके पर गुस्साए अधिवक्ताओं ने भीम आर्मी के सदस्य रुपेश कैन के साथ जमकर मारपीट कर दी।
हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने भीम आर्मी के नेताओं को संभाला और वहां से दूर ले जाने लगे, लेकिन जैसे ही उन्होंने जय भीम के नारे लगाए तो वकीलों ने उनको घेर लिया। इसके बाद जमकर मारपीट की है। कुछ देर तक हाई कोर्ट परिसर के बाहर की वो सड़क जिसे वीआईपी कहा जाता है वह किसी जंग का मैदान नजर आ रही थी। हर तरफ पुलिस और पुलिस नजर आ रही थी। पुलिस ने तत्काल भीम आर्मी को वहां से हटाया और हालात पर नियंत्रण पाया है। हालांकि खबर लिखे जाने के समय तक किसी गुट पर कोई कानूनी कार्यवाही नहीं हुई थी।
एएसपी कृष्ण लालचंदानी ने बताया कि आज एक डेट दी गई थी जिस पर डिसाइड होना था कि मूर्ति की स्थापना कब और कैसे की जाएगी। इसके बाद वहां दो पक्षों में झड़प हुई है। पुलिस ने हालात को नियंत्रण में लिया है। अब इस मामले में 19 मई की तारीख निर्धारित की गई है।