Video

Advertisement


सिर्फ 20 रुपये में करते हैं इलाज जानिए डॉ डावर के सेवाभाव की कहानी
सिर्फ 20 रुपये में करते हैं इलाज जानिए डॉ डावर के सेवाभाव की कहानी

महंगाई के दौर में जहां हर एक चीज के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे समय में भी कुछ लोग ऐसे हैं जो निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा में लगे हुए हैं। जबलपुर के एक डॉक्टर महज 20 रुपये की फीस में लोगों का इलाज कर रहे हैं | डॉ एमसी डावर उम्र 76 साल और पेशा लोगों की सेवा करना डॉ. डावर जबलपुर की एक ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में एक ऐसी लकीर खींच दी है, जिसे पार करना किसी और डॉक्टर के वश में नहीं होगा। डॉ एम सी डावर महंगाई के इस दौर में भी महज ₹20 लेकर लोगों का इलाज कर रहे हैं। ठीक उतने ही पैसे जितने में जबलपुर में एक लीटर पानी मिल रहा है | डॉ एम सी डावर की कहानी बड़ी दिलचस्प है। वो पूर्व फौजी हैं सेना से रिटायर हुए हैं। डॉक्टर ने जबलपुर से ही एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी। फिर कड़ी मेहनत और लगन से सेना में भर्ती हुए और 1971 में भारत-पाकिस्तान जंग के दौरान सैकड़ों सैनिकों का इलाज किया। जंग खत्म होने के बाद एक बीमारी की वजह से डॉक्टर डाबर को सेना से रिटायरमेंट लेना पड़ा।  लेकिन अपने गुरु से मिले ज्ञान को उन्होंने अपने जीवन में उतारा और लोगों का इलाज शुरू कर दिया |डॉक्टर बताते हैं कि 1986 में उन्होंने मात्र 2 रुपए फीस में लोगों का इलाज शुरू किया था। उसे बाद में 3 रुपये और फिर 1997 में 5 रुपये कर दिया। बाद में महंगाई बढ़ी तो फिर 15 साल बाद 2012 में डॉक्टर साहब ने अपनी फीस बढ़ाकर 10 रुपए की और अब वो महज 20 रुपए में सबका इलाज कर रहे हैं. उम्र के इस पड़ाव में भी डॉक्टर साहब नियमित रूप से लोगों की सेवा कर रहे हैं। उनका समर्पण ऐसा है कि लोगों को जब जरूरत होती है तब वो मरीज देख लेते हैं। कभी क्लीनिक तो कभी घर पर ही मरीजों को देखने के लिए तैयार हो जाते हैं।

आइये जानते है क्या कहते हैं डॉ डावर ?
महंगाई के इस दौर में जब अस्पताल मरीजों से लाखों रुपए की फीस वसूलते हैं इस सवाल पर डॉ डाबर का कहना है जब उन्होंने एमबीबीएस किया था तब महज ₹10 फीस हुआ करती थी। आज युवाओं को डॉक्टर बनने के लिए लाखों रुपए खर्च करने पड़ते हैं तो स्वाभाविक है कि वह उसकी भरपाई भी जनता से करेंगे। लेकिन फिर भी डॉक्टरों को सोचना चाहिए जिससे जरूरत ना हो उससे कभी पैसे न लें। जनसेवा की सीख आज चिकित्सा का बाजारीकरण हो चुका है।  डोनेशन कॉलेज खुल चुके हैं।  लोगों ने इसे जनसेवा नहीं बल्कि व्यापार का एक जरिया बना लिया है।  अस्पतालों और डॉक्टरों की लाखों रुपये की फीस से आम जनता त्रस्त है। ऐसे लोगों के लिए डॉक्टर डाबर सीख देते हैं कि अगर जनसेवा की भावना हो तो आप जन सेवा कर सकते हैं। 

Kolar News 2 July 2022

Comments

Be First To Comment....

Page Views

  • Last day : 8796
  • Last 7 days : 47106
  • Last 30 days : 63782
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2024 Kolar News.