Video

Advertisement


अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले में थीम स्टेट बना मध्य प्रदेश
bhopal, Madhya Pradesh , Surajkund
भोपाल । हरियाणा के पर्यटन विभाग द्वारा शुक्रवार, 07 फरवरी से 23 फरवरी तक आयोजित किए जा रहे अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले में मध्य प्रदेश थीम राज्य है। इस अवसर पर मध्य प्रदेश शासन, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के संयोजन से मेले में आने वाले देश-विदेश के सैलानियों को मध्य प्रदेश की संस्कृति, पर्यटन, कला, शिल्प देखने और पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लेने का अवसर मिलेगा।
 
जनसम्पर्क अधिकारी अनुराग उइके ने गुरुवार देर शाम जानकारी देते हुए बताया कि अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले में मध्य प्रदेश की ओर से सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के अंतर्गत लोक नृत्य-संगीत का प्रदर्शन होगा। इसमें भगोरिया, गणगौर, मटकी, गुदुमबाजा, काठी, करमा, भड़म, बरेदी, बधाई-नौरता, अहिराई इत्यादि लोक नृत्यों की प्रस्तुति होगी। मध्य प्रदेश की समृद्ध लोक संस्कृति को मेले के सैलानी देख सकेंगे। मेले में 17 फरवरी को नाटक बैजू बावरा और नृत्य नाटिका वीरांगना रानी दुर्गावती की विशेष प्रस्तुतियां भी होंगी।
 
उन्होंने बताया कि सूरजकुंड शिल्प मेला में मध्य प्रदेश के 40 शिल्पकारों के पारंपरिक शिल्प प्रदर्शन सह विक्रय के लिए उपलब्ध होंगे। इन शिल्पों में चंदेरी, महेश्वरी साड़ी एवं बाग प्रिंट, दरी-चादर, अजरक प्रिंट, घास की पत्ती से बने शिल्प, गोंड पेंटिंग, ढोकरा शिल्प, जूट, मिट्टी शिल्प, कढ़ाई एवं छपाई, भीली गुड़िया, छापा कला, नाँदना प्रिंट, लौह शिल्प, गोबर शिल्प, कशीदाकारी, खरद शिल्प, खादी और कॉटन, ब्लॉक प्रिंट इत्यादि शामिल हैं।
 
मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा मेला परिसर में विशेष मंडप भी बनाया गया है, जहां प्रदेश के पर्यटन के बारे में विस्तृत जानकारी पर्यटकों को दी जा सकेगी। पर्यटक जान सकेंगे कि वे कैसे मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर सकते हैं। साथ ही मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा क्या-क्या सुविधाएं पर्यटकों को दी जाती हैं। इस मंडप में पर्यटकों को मध्य प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों की जानकारी दी जायेगी। साथ ही बताया जायेगा कि वह किस तरह वे अपना टूर प्लान कर सकते हैं।
 
सूरजकुंड शिल्प मेला के बारे में
सूरजकुंड शिल्प मेला, भारत की एवं शिल्पियों की हस्तकला का 15 दिन चलने वाला मेला लोगों को ग्रामीण और लोक संस्कृति का परिचय देता है। यह मेला हरियाणा राज्य के फरीदाबाद शहर के दिल्ली के निकटवर्ती सीमा से लगे सूरजकुंड क्षेत्र में प्रतिवर्ष लगता है। यह मेला लगभग तीन दशक से आयोजित होता आ रहा है। इस मेले में हस्तशिल्पी और हथकरघा कारीगरों के अलावा विविध अंचलों की वस्त्र परंपरा, लोक कला, लोक व्यंजनों के अतिरिक्त लोक संगीत और लोक नृत्यों का भी संगम होता है।

 

Kolar News 7 February 2025

Comments

Be First To Comment....

Page Views

  • Last day : 8796
  • Last 7 days : 47106
  • Last 30 days : 63782
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.