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ग्वालियर। हनुमान जी को कलयुग में सबसे प्रभावशाली देवताओं में एक माना जाता है। हनुमान जी शिवजी के सभी अवतारों में सबसे बलवान और बुद्धिमान माने जाते हैं। कोरोना संक्रमण के दो वर्ष बाद शनिवार को हनुमान जी की जयंती शहर में धूमधाम से मनाई जाएगी। इस मौके पर हनुमान मंदिरों पर भव्य आयोजन और भण्डारे भी होंगे। वहीं शहर के हनुमान मंदिरों को भी आकर्षक विद्युत से सजाया गया है।
पहाड़ फटने से प्रकट हुए थे गरगज के हनुमान जी: बहोड़ापुर स्थित गरगज हनुमान मंदिर 100 वर्ष से अधिक पुराना है। मंदिर 10 से 11 फिट की प्रतिमा विराजमान है। इस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा नहीं की गई है यह पहाड़ फटने से प्रकट हुई है। मंदिर के महंत पूर्णानंद शर्मा, पुजारी अशोक शर्मा और अजय शर्मा ने बताया कि हनुमान जंयती पर भगवान का अद्भुत श्रंगार किया गया है। भक्त सुबह से ही भगवान के दर्शन कर सकेंगे। इस मौके पर सुंदरकांड और भजनसंध्या का भी आयोजन होगा। हनुमान जयंती के दूसरे दिन शोभायात्रा भी निकाली जाएगी।
खेड़ापति मंदिर पर लगेगा छप्पन भोग: शहर के प्रमुख मंदिरों में शामिल खेड़ापति हनुमान मंदिर पर शनिवार को हनुमान जयंती धूमधाम से मनाई जाएगी। मंदिर के महंत सियाराम शर्मा ने बताया कि कोरोना के दो वर्ष बाद हनुमान जयंती मनने से सभी काफी उत्साहित हैं। इस दिन मंदिर पर 56 भोग लगाया जाएगा। इसके साथ ही मंदिर पर फूल बंगला सजेगा और भगवान का श्रंगार व अभिषेक किया जाएगा। मंदिर पर आने वाले भक्तों के लिए शीतल पेय पदार्थ उपलब्ध रहेंगे। इसके साथ ही भण्डारा भी होगा। सुबह पांच बजे आरती उपरांत भक्त भगवान के दर्शन कर सकेंगे।
150 वर्ष पुराना है मंशापूर्ण हनुमान मंदिर: पड़ाव स्थित मंशापूर्ण हनुमान मंदिर 150 वर्ष पुराना मंदिर है। मंदिर के पुजारी पं. गोपाल दुबे ने बताया कि वैसे तो प्रतिदिन हनुमान जी की तीन आरती की जाती हैं लेकिन हनुमान जयंती के अवसर पर हनुमान जी की चार आरती की जाएंगी। मंदिर में हनुमान जी की साढ़े चार फीट की प्रतिमा विराजमान है जो बाल रूप में है। हनुमान जयंती के अवसर पर भगवान का विशेष श्रंगार किया गया है। इस दिन भंडारा भी किया जाएगा। कोरोना का प्रभाव खत्म होने से इस बार हनुमान जयंती बहुत ही धूमधाम से मनाई जाएगी।
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