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भले ही शिवराज सरकार ने शराब को लेकर सख्त कानून बना दिया हो.लेकिन जबलपुर जिले में रोजाना 35 लाख की देशी शराब और करीब इतने की ही अंग्रेजी शराब अधिक दामों में बेची जा रहीं है। शराब ठेकेदार सिंडिकेट बनाकर मनमाफिक अधिक दामों में शराब बेचकर अपनी जेब तो भर ही रहें है, साथ ही शासन और शराब पीने वालों को भी चूना लगा रहीं है। हाल ही में भाजपा विधायक सुशील इंदू तिवारी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सहित प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव और जबलपुर कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन को भी पत्र लिखकर अधिक दामों पर शराब बेचने की शिकायत की थी, पर शराब ठेकेदारों के हौसले इतने बुलंद है कि उन्हें किसी का भी डर नही। भाजपा विधायक ने शराब सिंडिकेट को लेकर आबकारी विभाग को भी कटघरे में खड़ा किया है।जबलपुर में अधिक दामों में शराब बेचने की पड़ताल जब की तो पाया कि शराब के एक क्वाटर में 15 से 20 रुपए जबकि बोतल में 25 से 30 रुपए से अधिक लिए जा रहें है। सच्चाई जानने के लिए शुरुआत ग्रामीण इलाकों से की गई, जहां पर कि समय से पहले ही दुकानें खुल जाती है। सबसे पहले भेड़ाघाट की शराब दुकान में देखा गया जहां प्लेन शराब का क्वाटर की कीमत 65 रुपए है पर यहां पर सिंडिकेट माफिया 80 रुपए में क्वाटर बेच रहें है। कर्मचारियों से जब ग्राहकों ने अधिक दामों में शराब बेचने की बात की तो उनका कहना होता है, लेना है तो लो, नही तो जहां शिकायत करनी है करों, शराब दुकान कर्मचारियों की इस तरह की दादागिरी से सवाल उठता है कि आखिर आबकारी विभाग क्या कर रहा है।इसके बाद अगली शराब दुकान मानेगांव की थी जहां पर बीयर में तीस से चालीस हजार रुपए ग्राहकों से लिए जा रहें थे, इतना ही नही शराब कि बोतल में राउंड फिगर में पैसे लिए जा रहें है। शराब उपभोक्ताओं ने जब बिल मांगा तो दुकानदार ने यह कहते हुए मना कर दिया कि सिंडिकेट लगा हुआ है, बिल नही मिलता। ग्रामीण क्षेत्र की एक शराब दुकान में दुकानदार बोल रहा है कि बिल नही मिलता है, सफेद देशी प्लेन का क्वाटर 80 रुपए में तो लाल का क्वाटर 100 रुपए में मिल रहा है, किसी भी शराब दुकान में बिल नही दिया जा रहा है।इस मामले में लिखा था सीएम को पत्र
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