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70 साल बाद मध्यप्रदेश में फिरसे चीतों की दहाड़ गूंजेगी। 15 अगस्त को मध्यप्रदेश में श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में 8 चीते लाये जायेंगे। अफसरों का कहना है की आने वाले लगभग 6 सालों में यहां 50 से 60 चीते दौड़ते नज़र आएंगे। क्युकी केंद्र सरकार की कोशिश है की पहली ही बार में 4 नर और 4 मादा चीते यहाँ लाये जाएं। क़तर एयरवेज ने भी चीतों को भारत रवाना करने की अनुमति दे दी है। वन विभाग के अफसरों ने बताया की चीतों को दिल्ली उतरने के बाद कार्गो जहाज में ग्वालियर तक लाया जायेगा और वह से सड़क का मार्ग तय करके उन्हें कूनो नेशनल पार्क तक ले जाया जायेगा। भारत और दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के बीच एमओयू के अगले ही दिन वे चीतों को लेकर भारत आ जाएंगे। फिलहाल, केंद्र सरकार के दो अफसर दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर हैं। यह चीते दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया विश्वविद्यालय में प्रो. एड्रियन ट्रोडिफ की देखरेख में चीते भारत लाए जाएंगे। प्रो. ट्रोडिफ दक्षिण अफ्रीका में करीब दो दशकों से चीतों पर अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने वहां से भारत लाए जाने वाले 8 चीतों पर भी करीब से काम किया है। चीतों को भारत लाने की पहल 2010 से चल रही है। जो की तत्कालीन पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश द्वारा की गयी थी । लगभग एक दशक बाद मामला आगे बढ़ा। 28 जनवरी 2020 को पहली बार सुप्रीम कोर्ट ने चीतों को भारत लाने की अनुमति दी थी। और सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था की चीतों के लिए उचित जगहों की खोज की जाये। कई जगहों का विचार करने के बाद एक्सपर्ट्स ने मध्यप्रदेश के श्योपुर में कूनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान को लाये जा रहे चीतों के लिए उचित जगह बताया।
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