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उज्जैन। प्रख्यात श्रीराम कथा वाचक मोरारी बापू देश के द्वादश ज्योतिर्लिंगों पर पहुंचकर भगवान शिव को रामकथा सुना रहे हैं। इसी क्रम में 1008 श्रोताओं के साथ देश की आध्यात्मिक पर्यटन यात्रा निकले, मोरारी बापू शनिवार को उज्जैन पहुंचे। मोरारी बापू ने पूजन-अभिषेक के बाद भगवान महाकालेश्वर के समक्ष रामकथा प्रस्तुत की।
श्रावण के अधिकमास में रामकथा के मर्मज्ञ मोरारी बापू की एक अनोखी रामकथा इन दिनों देश के द्वादश ज्योतिर्लिंगों पर चल रही है। मोरारी बापू द्वादश ज्योतिर्लिंगों पर पहुंचकर भगवान शिव को सबसे उत्तम मास यानी पुरुषोत्तम मास में श्री रामकथा सुना रहे हैं। कथा की शुरूआत केदारनाथ,उत्तराखंड से हुई है। द्वादश ज्योतिर्लिंग, तीन धाम और तिरुपति बालाजी की यह यात्रा लगभग 18 दिन में पूरी होगी।
इसी यात्रा के दौरान रामकथा हेतु मोरारी बापू शनिवार को उज्जैन आए। मोरारी बापू ने महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर महाकालेश्वर भगवान का पूजन-अभिषेक किया। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की ओर से सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने संत श्री का उत्तरीय, प्रसाद व बाबा महाकाल का चित्र देकर सम्मान किया। इसके बाद बापू ने भारत माता मंदिर परिसर में बनाए गए पांडाल में रामकथा प्रस्तुत की।
विविधता में एकता दिखाना है यात्रा का उद्देश्य
मोरारी बापू की इस अनोखी रामकथा के लिए विशेष रूप से दो ट्रेन कैलाश एक्सप्रेस व चित्रकूट एक्सप्रेस तैयार की गई हैं, जो कि 1008 श्रोताओं को साथ लेकर देश का आध्यात्मिक पर्यटन करवा रही है। पहली बार हो रही द्वादश ज्योतिर्लिंगों की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत की विविधता में एकता दिखाना और सनातन धर्म की समझ को बढ़ावा देना है। भगवान राम का नाम हमारे देश के हर कोने में गूंजता रहे, और सभी के लिए शांति और सद्भाव के लिए प्रयास करें। इसी उद्देश्य के साथ यह यात्रा निकाली जा रही है।
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