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मुरैना। सावन के पहले सोमवार पर श्रद्धालुओं ने जिले के सभी शिव मंदिरों पर पहुंचकर विधिवत पूजा अर्चना करने के साथ ही विभिन्न प्रकार से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया। प्रसिद्ध शिव मंदिर मुरैना बड़ोखर के महाकाल मंदिर, सिहोनियां के ककनमठ मंदिर, कोल्हुआ के शिव मंदिर, पहाड़गढ़ के ईश्वरा महादेव, कैलारस के अलोपी शंकर, मितावली ,बटेश्वर, नरेश्वर, महादेव नाका, गुफा मंदिर, बिहारी जी मंदिर सहित सभी मंदिरों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा था।
सुबह से ही सभी मंदिरों पर पुरुष -महिला, युवक-युवती, बालक- बालिकाएं पूजन सामग्री लेकर शिव मंदिरों पर पहुंचकर पूर्ण मनोयोग से भगवान भोलेनाथ की अर्चना कर रहे थे। यह सावन श्रद्धालुओं के लिए विशेष है, क्योंकि अधिकमास होने के कारण इस बार आठ सोमवार को भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने का अवसर श्रद्धालुओं को मिल रहा है। श्रद्धालु भी इसका लाभ लेने के लिए मन बना चुके हैं, इसीलिए सावन के पहले सोमवार को जिले के सभी प्रसिद्ध मंदिरों पर श्रद्धालुओं की संख्या सुबह से दोपहर तक कम नहीं हो पा रही थी।
पोरसा के मुक्तिधाम में सत्यम, शिवम, सुंदरम की थीम पर बना बाबा महाकाल का चरण सेवक डॉ अनिल गुप्ता के तत्वावधान में अभिषेक किया गया। श्मशान जहां ज्ञान,भक्ति,वैराग्य का संगम हो, वहां पर सावन के सोमवार को भूतनाथ को भस्म व पंचमेवा और पंचामृत व औषधियों से अभिषेक हो, वहां बाबा महाकाल भी आपकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। सुबह 7 बजे शिवम स्थल पर ॐ नमः शिवाय के गूँज बमबम भोले की जयकार करते हुए धर्म प्रेमी बंधु मुक्तिधाम पहुंचे। यहां सभी ने विधिवत पूजा की। इसमें महेश पेगोरिया,जसवंत राठौर संतोष प्रजापति, आलोक गुप्ता, लक्ष्मी,अनिता अनेक श्रृद्धालु शामिल हुए।
भक्तों की अपार आस्था का केंद्र पहाड़िया पर स्थित अलोपी शंकर महादेव मन्दिर
कैलारस में सैकडों वर्ष पूर्व बाबा अचानक अलोप हो गये। इस कारण अलोपी नाम पड़ा। उस स्थान पर शिवलिंग निकले हैं, अब उनकी पूजा होती है। ऊंचाई पर होने के बाबजूद अलोपी शंकर के प्रति लोगों में आस्था है। यहां जो भक्त मन से जाता है, वह 560 सीढ़िया आराम से चढ़ जाता है और अपनी मनोकामना को पूरा करता है। श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को यहां हजारों श्रद्धालु पहुचते हैं।
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