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ग्वालियर। चुनावी प्रचार-प्रसार के लिये राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों द्वारा आम सभा, जुलूस व रैली निकालने के संबंध में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी अक्षय कुमार सिंह द्वारा गुरुवार को दण्ड प्रक्रिया की धारा-144 के तहत आदेश जारी किया गया है। आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा-188 के अन्तर्गत दण्डनीय कार्रवाई की जायेगी। जिले में विधानसभा आम निर्वाचन स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने के मकसद से यह आदेश जारी किया गया है।
जिला दण्डाधिकारी ने आदेश में स्पष्ट किया है कि आयोजकों को क्षेत्रीय पुलिस थाना को न्यूनतम दो दिन पूर्व अग्रिम सूचना देकर आमसभा, रैली व जुलूस की अनुमति प्राप्त करनी होगी। साथ ही पैदल जुलूस या जुलूस की शक्ल में मोटर साइकिल रैली आदि निकालने से पहले संबंधित राजनैतिक दल अथवा प्रत्याशी को यह तय करना होगा कि जुलूस किस समय शुरू होगा व किस समय समाप्त होगा। जुलूस के शुरू होने का स्थान, मार्ग और समाप्ति स्थल भी पहले से तय करना होगा।
आयोजक जुलूस को प्रतिबंधित स्थानों से नहीं निकाल सकेंगे। साथ ही जुलूस का इन्तजाम इस प्रकार करना होगा, जिससे यातायात में कोई रूकावट या बाधा उत्पन्न न हो। यदि जुलूस लम्बा हो तो टुकड़ों में संगठित करना होगा। जिला दण्डाधिकारी ने आदेश में यह भी उल्लेख किया है कि जुलूस सड़क के बाई ओर चले और ड्यूटी पर तैनात पुलिस के निर्देशों और सलाह का कड़ाई से पालन किया जाए। जुलूस में शामिल लोग ऐसी चीजें लेकर न चलें जिनका अवांछनीय तत्वों द्वारा विशेष रूप से उत्तेजना के क्षणों में दुरूपयोग किया जा सकता हो।
जुलूस में शामिल लोगों पर राजनैतिक दलों एवं अभ्यर्थियों का पूर्ण नियंत्रण रहना चाहिए। किसी भी राजनैतिक दलों के नेताओं के पुतले लेकर चलने, उनको सार्वजनिक स्थानों पर जलाने और इसी प्रकार के अन्य प्रदर्शन का समर्थन कदापि न हो। एक से अधिक विधानसभा क्षेत्र में रैली निकालने की स्थिति में अपर जिला मजिस्ट्रेट अनुमति जारी करेंगे।
जिले के सभी शस्त्र लायसेंस निलंबित, 16 अक्टूबर तक शस्त्र जमा करने के आदेश
विधानसभा आम निर्वाचन के मद्देनजर जारी किए गए प्रतिबंधात्मक आदेशों का कड़ाई से पालन कराने पर जिला प्रशासन का विशेष जोर है। इस कड़ी में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी अक्षय कुमार सिंह ने जिले के सभी शस्त्र लायसेंसधारियों से अनिवार्य रूप से 16 अक्टूबर 2023 तक अपने शस्त्र संबंधित पुलिस थानों अथवा रक्षित पुलिस लाइन में जमा करने के निर्देश दिये हैं।
उन्होंने साफ किया है कि समयावधि के भीतर शस्त्र जमा न करने वाले शस्त्र लायसेंसधारियों के खिलाफ भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 एवं आयुध अधिनियम 1959 के अंतर्गत सख्त कार्रवाई की जायेगी। विदित हो जिला दण्डाधिकारी द्वारा विधानसभा आम निर्वाचन को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने के मकसद से गत 9 अक्टूबर को दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर सभी शस्त्र अनुज्ञप्तियाँ निलंबित कर दी गई हैं और सभी को अपने अस्त्र-शस्त्र पुलिस थानों में जमा करने के आदेश दिए हैं। आचार संहिता लागू रहने तक अस्त्र-शस्त्र लेकर चलने व प्रदर्शन पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा।
यह प्रतिबंधात्मक आदेश माननीय न्यायाधिपतिगण, न्यायाधीश, प्रशासनिक अधिकारी, शासकीय अभिभाषक, सुरक्षा व चुनाव व्यवस्था आदि में कर्तव्य पालन के लिये तैनात किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट, सुरक्षा बल, अर्द्धसैनिक बल, विशिष्ट व्यक्तियों, अधिकारियों व उम्मीदवारों की सुरक्षा में लगाए गए पुलिस कर्मियों सहित अन्य शासकीय बलों, बैंक गार्डों आदि पर लागू नहीं होगा। किसी धार्मिक कानून एवं परम्परा के अंतर्गत अस्त्र-शस्त्र धारित किए जाने वाले व्यक्तियों पर प्रभावशील नहीं होगा।
यदि ग्वालियर जिले के ऐसे लायसेंसधारी जिन्हें सुरक्षा के लिये शस्त्र रखने की जरूरत है, उनसे 11 नवम्बर तक कारण सहित आवेदन पत्र प्रस्तुत करने के लिये कहा गया था। प्राप्त आवेदन पत्रों की स्क्रीनिंग की जायेगी। इसके बाद शस्त्र धारकों को शस्त्र रखने की अनुमति प्रदान करने के संबंध में निर्णय लिया जायेगा। ऐसे लायसेंसधारी जिनके शस्त्र दूसरे जिले में पंजीकृत हैं उन्हें संबंधित जिले से अनुमति प्राप्त करनी होगी।
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