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मानसून सीजन के तीन महीने गुज़र चुके हैं। इस बार मानसून ने 16 जून से प्रदेश में दस्तक दी थी। मध्यप्रदेश में इस बार 17 शहरों में आधे से ज़्यादा यानि 50 से भी ज़्यादा बरसिह हुई है। इस बार प्रदेश की राजधानी भोप्ला में सबसे ज़्यादा यानि 69 इंच बारिश हुई है। एमपी में जून और जुलाई में रेकॉर्डतोड़ बारिश हुई है। वहीं सितम्बर के पहले कुछ दिनों बारिश काम हुई लेकिन तीसरे सप्ताह में हुई बारिश ने कई क्षेत्रों को जलमग्न कर दिया। प्रदेश में शनिवार से बारिश का दौर थमा हुआ है। ज़्यादातर इलाकों में धूप-छांव रही। खंडवा, उमरिया, छिंदवाड़ा, सतना, दमोह, जबलपुर और ग्वालियर में हल्की बारिश हुई। सबसे ज्यादा खंडवा में 1 इंच से ज्यादा पानी गिरा। भोपाल में दोपहर तक बादल छाए रहे। फिर हल्की धूप निकली। मध्यप्रदेश में 21-22 को फिर तेज़ बारिश होने के आसार है। मौसम वैज्ञानिको का कहना है की अधिक बारिश वाले इलाकों में से अधिकांश जिलों में अरब और बंगाल की खाड़ी से आने वाले दोनों मानसून का असर पड़ता है।
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