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उज्जैन। महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद से उज्जैन के इस क्षेत्र में रोज मेला सा लगा रहता है। खास बात यह है कि महाकाल लोक से कारोबार में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है। इसका सबसे ज्यादा असर होटल इंडस्ट्री, पर्यटन स्थल, आवागमन के साधन और बाजारों में देखने को मिल रहा है।
महाकाल लोक बनने से उज्जैन एक बड़ी धार्मिक पर्यटन नगरी बन गया है। अर्थव्यवस्था का पर्यटन से सीधा संबंध है। भगवान महाकालेश्वर के साथ हरसिद्धि, काल भैरव, सांदीपनि आश्रम, मंगलनाथ जैसे दर्जनों मंदिर से उज्जयिनी को धार्मिक नगरी कहा जाता है।
महाकाल लोक को लेकर पर्यटकों के बढ़ते क्रेज ने टूरिज्म सेक्टर को भी रफ्तार दी है। महाकाल मंदिर में जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दोगुनी हो गई है। प्रतिदिन 30-35 हजार से ज्यादा लोग महाकाल लोक आ रहे हैं। रविवार और अन्य अवकाश के दिनों में यह संख्या 70-80 हजार तक पहुंच रही है। महाकाल लोक की वजह से होटलों की बुकिंग पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत बढ़ गई है। होटल संचालकों ने टैरिफ भी बढ़ा दिए हैं।
उज्जैन आने वाले यात्रियों में ज्यादातर महाकाल लोक को देखने आ रहे हैं। पर्यटकों की संख्या ज्यादा होने के कारण टैक्सी कार के रेट भी बढ़ गए है। अवकाश के दौरान मध्यप्रदेश में पर्यटक वैसे ही ज्यादा आते हैं। महाकाल लोक का आकर्षक भी अब पर्यटकों को खींच रहा है। देशभर से काफी पर्यटक उज्जैन आ रहे हैं। इतना ही नहीं, उज्जैन के साथ ओंकारेश्वर में भी पर्यटकों की तादाद में वृद्धि हो रही है।
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