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संचालक पशुपालन एवं डेयरी डॉ. आर.के मेहिया ने बताया कि पिछले दो माह में प्रदेश के कुल 17 हजार 553 पशु लम्पी चर्म रोग की चपेट में आये हैं। इनमें से 15 हजार 73 यानी 86 प्रतिशत इस बीमारी से स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में 2480 सक्रिय केसेस हैं, जिनका नियमित एवं निरंतर उपचार जारी है। लम्पी चर्म रोग का प्रकोप प्रदेश में जुलाई के अंतिम सप्ताह में शुरू हुआ था। प्रदेश के 14 जिलों में अभी तक इस रोग की पुष्टि प्रयोगशाला में हुई है। पड़ौसी राज्यों में लम्पी के फैलने के बाद ही ऐहतियातन पशुपालन विभाग ने स्थानीय प्रशासन की मदद से सतर्कता बढ़ा दी थी। इसीलिये पशु संख्या के मुकाबले मध्यप्रदेश में लम्पी पीड़ित पशुओं की संख्या काफी कम है। प्रदेश में एक करोड़ 87 लाख गौवंश और लगभग एक करोड़ भैंस वंशीय पशु हैं।
विभाग द्वारा अब तक कुल 11 लाख 25 हजार पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। साथ ही बीमार पशुओं का सतत उपचार किया जा रहा है, जिससे विगत 10 दिनों से प्रभावित पशुओं की संख्या एवं पशुओं की मृत्यु दर में कमी आई है। विगत एक सप्ताह से किसी नये जिले से पशुओं में बीमारी की कोई भी सूचना प्राप्त नहीं हुई है। लम्पी स्किन बीमारी की रोकथाम के लिये 23 लाख डोज टीका द्रव्य वर्तमान में उपलब्ध है। जिलों द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में टीकाकरण एवं उपचार कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। विभाग द्वारा बीमारी की रोकथाम के लिये प्रतिदिन मॉनीटरिंग की जा रही है। जिलों से प्राप्त जानकारी अनुसार बीमारी का प्रकोप विगत 10 दिन से कम होता नजर आ रहा है और पशुओं में होने वाले इस रोग की स्थिति नियंत्रण में है।
Kolar News
7 October 2022
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