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मध्यप्रदेश में कोरोना की चौथी लहर का अंदेशा तेजी से बढ़ रहा है। प्रदेश के सभी बडे़ शहरों में मरीजों की संख्या लगातार और तेजी से बढ़ती जा रही है। बुरी बात यह है कि अब कोरोना दोबारा जानलेवा होने लगा है। इस माह में ही कोरोना से 6 मौतें हो चुकी हैं जबकि पिछले दो महीनो में इससे सिर्फ एक-एक संक्रमितों की ही मौत हुई थी। दरअसल अब लोगों ने सावधानी बरतना छोड़ दिया है. ऐसे में बुजुर्गों और गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए सबसे ज्यादा खतरा बढ़ गया है। घर हो या बाहर, अब लोग बिना मास्क ही घूम रहे हैं। इसका असर मरीजों की संख्या के रूप में साफ नजर आने लगा है. प्रदेश में कोरोना के नए 126 पॉजिटिव मरीज मिले हैं जोकि 3 महीने में सबसे ज्यादा हैं। टेस्ट कम होने के बावजूद इंदौर, भोपाल जैसे शहरों में कोरोना के मरीजों और इससे मौतों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। परिजनों का ये आरोप है कि उन्हें ब्रेन हेमरेज के कारण अस्पताल में एडमिट किया था लेकिन यहां कोविड संक्रमण हो गया- भोपाल में खजूरी कला निवासी 80 वर्षीय बुजुर्ग की अस्पताल में 18 दिन भर्ती रहने के बाद मौत हो गई। उनकी कोविड टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। परिजनों का ये भी आरोप है कि उन्हें ब्रेन हेमरेज के कारण अस्पताल में एडमिट किया था लेकिन यहां कोविड संक्रमण हो गया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में कोविड प्रोटोकॉल का बिल्कुल पालन नहीं किया गया। राजधानी में पिछले 18 दिनों में कोरोना से यह दूसरी मौत हुई है। इससे पहले प्रदेश में 3 जून को जबलपुर में 58 साल के व्यक्ति की मौत हुई। 9 जून को इंदौर की एक महिला और भोपाल के एक बुजुर्ग की मौत हुई। 16 जून को जबलपुर की एक महिला की जबलपुर मेडिकल कॉलेज में डेथ हुई। 25 जून को जबलपुर में 100 साल के बुजुर्ग की कोरोना से मौत हुई।
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