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मुरैना । जिले के सबलगढ़ में मंगलवार सुबह करीब साढ़े 6 बजे टोंगा तालाब फूट गया। इसका पानी चार गांवों में भर गया। तालाब फूटने की सूचना मिलते ही सबलगढ़ विधायक सरला रावत, कलेक्टर अंकित अस्थाना, एसडीएम वीरेंद्र कटारे, सबलगढ़ थाना प्रभारी सोहनपाल तोमर पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और आसपास के क्षेत्रों का जायजा लिया। पानी के तेज बहाव को देखते हुए निचले इलाके के 20 गांवों में खतरे का अलर्ट जारी किया गया है।
बताया जा रहा है कि 135 साल पुराने इस तालाब में सोमवार शाम करीब चार बजे मिट्टी बहने से छेद हुआ था, जो मंगलवार सुबह पांच बजे तक 15 इंच तक बढ़ गया। तालाब की भराव क्षमता 1.93 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) है। मंगलवार को तालाब फूटने से चार गांवों- कुतघान का पुरा, कोरी का पुरा, पासौन और देवपुर में भर गया है। तालाब से पानी लगातार तेजी से बाहर आ रहा है, जिससे करीब 20 गांवों को खतरा है। जिन गांवों में पानी भर गया है, वहां के लोग जरूरी सामान लेकर घरों से सुरक्षित स्थान की तरफ निकल गए हैं। कलेक्टर अंकित अस्थाना और जल संसाधन विभाग के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और प्रभावित गांवों को दौरा कर रहे हैं। इन गांवों से पानी की निकासी की व्यवस्था की जा रही है। एसडीआरएफ की टीम को भी सूचना दी गई है।
एसडीएम वीरेंद्र कटारे ने बताया कि सूचना मिलते ही तालाब की मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया था। अभी तक जनहानि की कोई सूचना नहीं है। तालाब का 25 से 30 फीट चौड़ाई में कटाव बढ़ गया है। जल संसाधन और राजस्व विभाग की टीम दो-तीन जगह नालियां बनाकर पानी निकालने की कोशिश कर रही है।
वहीं, जल संसाधन विभाग के चीफ एक्जीक्यूटिव इंजीनियर दिनेश रत्नाकर ने कहा कि सोमवार दोपहर 12 बजे ही तालाब का निरीक्षण किया गया था। ऐसा कुछ नहीं मिला, जिससे तालाब के फूटने की आशंका हो। चूहों के बिल बनाने की वजह से हादसा हुआ है। ग्रामीणों ने इससे पहले ऐसी कोई भी शिकायत नहीं की थी।
कलेक्ट्रेट अस्थाना ने बताया कि प्रभावित गांवों के किसी भी मकान में पानी नहीं भरा है। जनहानि-पशुहानि की कोई सूचना नहीं मिली है। फिलहाल तालाब से पानी निकलने का सुरक्षित रास्ता बना दिया गया है। स्थिति नियंत्रण में है।
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