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भोपाल। खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए यह सप्ताह बेहद ही रोमांचक होने वाला है। इस सप्ताह शाम के पश्चिम आकाश में सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह जुपिटर (बृहस्पति) और चमचमाता वीनस (शुक्र) एक-दूसरे से मिलने को आतुर नजर आएंगे। हंसियाकार चंद्रमा बुधवार, 22 फरवरी को दोनों के मिलन का गवाह बनने जा रहा है।
भोपाल की नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने मंगलवार को इस खगोलीय घटना की जानकारी देते हुए बताया कि सूर्यास्त के बाद पश्चिम में दो चमकते ग्रह इस समय दिख रहे हैं। इनमें से जो नीचे की ओर तेज चमक के साथ दिखेगा, वह पृथ्वी का पड़ोसी शुक्र ग्रह है, जो कि बुधवार को पृथ्वी से लगभग 21 करोड़ किलोमीटर दूर रहते हुये माईनस 3.9 मैग्नीट्यूड से चमक रहा होगा। इसके ऊपर बृहस्पति ग्रह स्थित होगा, जो कि लगभग 85 करोड़ किलोमीटर दूर रहते हुये माईनस 2.1 मैग्नीट्यूड से चमकता दिखेगा। इन दोनों चमचमाते ग्रहों के बीच बुधवार शाम को पश्चिमी आसमान में हंसियाकार चंद्रमा दिखेगा, जो कि पृथ्वी से लगभग 3 लाख 66 हजार किलोमीटर दूर रहते हये इन दोनों ग्रहों के होने जा रहे मिलन की सूचना देगा।
सारिका ने बताया कि आने वाले सात दिनों तक हर शाम यह नजारा देखने को मिलेगा। जब आप इन इन ग्रहों को देखेंगे, तो ये हर शाम पास आते हुए नजर आएंगे और अंत में (सातवें दिन) दोनो एक-दूसरे में समाए से दिखने लगेंगे, जिसे खगोलविज्ञान में कन्जक्शन कहा जाता है।
सारिका ने कहा कि खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले तैयार हो जाइए, सूर्यास्त की लालिमा के बाद इन खगोलीय पिंडों की चमचमाती मुलाकात का गवाह बनने के लिए, लेकिन समय का ध्यान रखें, क्योंकि यह घटना रात 8.00 बजे तक ही ठीक से दिख पाएगी।
Kolar News
21 February 2023
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