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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राष्ट्र के विकास में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका है। मध्यप्रदेश में विज्ञान से जुड़े विषयों पर अलग- अलग दिशाओं में कार्यों की जरूरत है। विज्ञान के लोकव्यापीकरण के लिए प्रयास बढ़ाए जाएँ। मध्यप्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (मेपकास्ट) ने विज्ञान फिल्म फैस्टिवल और विज्ञान पार्क विकसित करने की पहल कर प्रशंसनीय कार्य किया है। इस तरह के प्रयास जारी रखे जाएँ। गाँवों तक विज्ञान को लोकप्रिय बनाने का कार्य हो। प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में जड़ी बूटियों के प्रयोग के वैज्ञानिक पक्ष और झाबुआ जिले सहित अन्य स्थानों पर जल-संरक्षण की पारम्परिक पद्धतियों के प्रयोग का अध्ययन कर बढ़ावा दिया जाए।
मुख्यमंत्री चौहान मंत्रालय सभाकक्ष में विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद की साधारण सभा की 10 वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्मंत्री चौहान ने परिषद द्वारा प्रकाशित ग्राउंड वॉटर क्वालिटी एटलस का विमोचन किया।
बताया गया कि प्रदेश में केन्द्र सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग को बायोटेक्नोलॉजी पार्क की स्थापना के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। यह नीमच जिले की जावद तहसील में स्थापित करने का प्रस्ताव है। यह पार्क बॉयोटेक्नोलॉजी में नवीन अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देने का कार्य करेगा। बॉयोटेक उद्यमियों को भी आवश्यक सहयोग मिलेगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने परिषद की गतिविधियों की जानकारी प्राप्त की। परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने बताया कि परिषद ने जल जीवन मिशन अंतर्गत ग्राउंड वाटर क्वालिटी एटलस तैयार किए हैं। इससे जिलों में नलकूप जल की गुणवत्ता और उपलब्धता की जानकारी प्राप्त कर पेयजल व्यवस्था को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। जिलों में खनन के उद्देश्य से स्थल चयन के लिए यह महत्वपूर्ण दस्तावेज होगा। प्रायोगिक तौर पर धार, बैतूल, सतना और टीकमगढ़ जिलों के एटलस तैयार कर भू-जल गुणवत्ता और भू-जल उपलब्धता दर्शाने वाले मानचित्र संकलित किए गए हैं। परिषद ने साइंस सिटी और रीजनल सांइस सेंटर के निर्माण, 41 नगर के ड्रोन और यूएवी आधारित मास्टर प्लान प्रोजेक्ट बनाने की पहल की है। परिषद ने भोपाल में अगस्त माह में राज्य स्तरीय विज्ञान फिल्म उत्सव भी सफलतापूर्वक किया है। फिल्म उत्सव में देश भर से 71 विज्ञान फिल्म प्रदर्शन के लिए आईं थीं। इनमें से 25 विज्ञान फिल्म को पुरस्कृत भी किया गया। मुख्यमंत्री चौहान ने अधिकारियों को परिषद में रिक्त पदों की पूर्ति करने के निर्देश दिए। परिषद के सदस्यों ने विज्ञान कार्यशालाएँ कर विज्ञान में रूचि रखने वालों की भागीदारी, प्रदेश में विज्ञान अकादमी बनाने और विद्यार्थियों को नवीनतम वैज्ञानिक जानकारियाँ प्रदान करने के सुझाव दिए।
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