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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री, अमित शाह द्वारा हिंदी भाषा में चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम का शुभारंभ 16 अक्टूबर को मध्यप्रदेश से किया जा रहा है। इसके परिप्रेक्ष्य में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा अनुरूप प्रदेश के विद्यालयों में व्यापक आयोजन के लिए स्कूल शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार ने स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देशित किया। परमार के निर्देश पर 15 अक्टूबर को हिंदी भाषा आधारित कार्यक्रम प्रदेश के विद्यालयों में हुए।
सभी जिलों के विद्यालयों में "हिन्दी में ज्ञान के प्रकाश" विषय पर संगोष्ठिय तथा अन्य गतिविधियों का आयोजन किया गया। सायंकाल प्रतीक स्वरूप दीप प्रज्ज्वलन किया गया। इसमें विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। इन कार्यक्रमों में 14 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने सहभागिता की एवं 1422 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, 1503 उच्च माध्यमिक विद्यालय, 1152 माध्यमिक विद्यालय एवं 1706 प्राथमिक शालाओं ने हिंदी भाषा आधारित गतिविधिय एवं कार्यक्रमों में अपनी सहभागिता दर्ज की। इन विद्यालयों में हुए कार्यक्रमों में विद्यार्थियों को हिन्दी में चिकित्सा शिक्षा को लेकर जानकारी दी गई एवं उन्हें प्रोत्साहित किया गया। बताया गया कि अब डॉक्टर बनने की राह में भाषा बाधा नहीं बनेगी। विद्यार्थी अपनी मातृ-भाषा हिंदी में ही चिकित्सा क्षेत्र की शिक्षा ले सकेंगे। हिंदी भाषा में चिकित्सा शिक्षा की सौगात देने वाला मध्यप्रदेश भारत का पहला और इकलौता राज्य है। इस पहल से हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों के अध्ययन में अंग्रेजी जैसी अन्य भाषा आड़े नहीं आयेगी और चिकित्सा विद्यार्थियों को पढ़ने, सीखने, समझने में सहजता और सरलता मिलेगी।
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