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मामला बुधवार दोपहर का है। बीजेपी पार्षद पप्पू विलास घाड़गे ने बताया, लिंक रोड नंबर-1 स्थित रेडक्रॉस अस्पताल के पास चौराहे पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित है। यहां पिछले 20 साल से हर 19 फरवरी को जन्मोत्सव कार्यक्रम करते हैं। बुधवार को भी कार्यक्रम रखा गया था। इस दौरान तहसीलदार राउत आए और साउंड सिस्टम-टेंट हटा दिया। इस विवाद के विरोध में, बीजेपी कार्यकारिणी सदस्य कृष्णा घाडगे और मराठा समाज के लोगों ने शिवाजी महाराज चौराहा पर चक्का जाम कर प्रदर्शन किया।
कृष्णा घाडगे ने बताया कि यह कार्यक्रम मराठा समाज की भावना से जुड़ा हुआ है और छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मनाना उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को यह अधिकार नहीं है कि वह इस तरह से मराठा समाज की भावनाओं से खेलें और एक ऐतिहासिक आयोजन को बाधित करें। इस दौरान उन्होंने तहसीलदार के खिलाफ नारेबाजी भी की। प्रदर्शन के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज की वेशभूषा में एक युवक को भी शामिल किया गया। इससे पुलिस मौके पर पहुंची और ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया। इधर, तहसीलदार कुणाल भी मौके पर पहुंचे और समाजजनों को समझाइश दी। प्रतिमा के सामने माफी मांगने पर समाजजन हट गए। इस मामले में तहसीलदार रावत ने कहा कि साउंड सिस्टम या कार्यक्रम की अनुमति नहीं थी। मैं सिर्फ साउंड सिस्टम बंद करने को कहा था। समाजजनों को कोई गलतफहमी हो गई थी। मेरा गलत उद्देश्य नहीं था। समाजजनों के कहने पर मैंने शिवाजी महाराज से माफी भी मांग ली।
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