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उज्जैन। राजस्थान की पिंक सिटी के नाम से मशहूर जयपुर की तर्ज पर महाकाल मंदिर क्षेत्र के व्यापारिक संस्थानों आदि के बोर्ड अब भगवा रंग में अनिवार्य करने की पहल शुरू हो गई है। इस आशय का प्रस्ताव स्मार्ट सिटी बोर्ड को देने की तैयारी भी की जा रही है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि महाकाल लोक बनने के बाद देशभर से महाकाल मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रदेश का एकमात्र यूनिटी मॉल बनने के बाद इस संख्या में और बढ़ोतरी होने की संभावना है। नगर निगम द्वारा महाकाल मंदिर क्षेत्र को धार्मिक रूप देने पर भी विचार चल रहा है।
महापौर मुकेश टटवाल द्वारा हाल ही में मंदिर क्षेत्र की सभी होटल, गेस्ट हाउस, धर्मशाला आदि के बोर्ड पर प्रोपराइटर और संचालकों के नाम लिखना अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया है। इसमें कुछ और प्रावधान जोडऩे की कवायद की जा रही है। इसके लिए जयपुर की तर्ज पर होटल, दुकान और रेस्टोरेंट आदि के बोर्ड एक जैसे रंग में करने की तैयारी की जा रही है।
मंदिर क्षेत्र होने के कारण इसे भगवा रंग करने का प्रस्ताव निगम की राजस्व समिति स्मार्ट सिटी को भेजेगी। इस सिलसिले में प्रदेश सरकार का एक पत्र भी समिति ने निकलवाया है, जिसमें इस आशय का निर्देश दिया गया है। इसका अध्ययन कर कोई निर्णय लिया जाएगा।
ओंकारेश्वर की तरह 84 महादेव मंदिरों पर भगवा रंग के बोर्ड
नगर निगम द्वारा ओंकारेश्वर के मंदिरों की तरह उज्जैन के 84 महादेव मंदिरों पर भगवा रंग के ध्वजनुमा बोर्ड लगाने की भी तैयारी की जा रही है। इस बार प्रदेश के कई स्थानों से श्रद्धालु 84 महादेव मंदिरों पर दर्शन करने पहुंच रहे। सुंदर बोर्ड लगने से तीर्थ यात्रियों को किसी तरह की परेशानी भी नहीं आएगी।
महाकाल मंदिर के शिखर को पुरातन स्वरूप देने के उठ रहे स्वर
महाकाल मंदिर के शिखर को पुरातन स्वरूप देने के लिए भी श्रद्धालु मंदिर प्रशासन से अपेक्षा रख रहे हैं। शिखर पर स्वर्ण कलश लगाए गए हैं, लेकिन शिखर का रंग पीले कलर में है, जबकि पुरातन स्वरूप में करने से पत्थरों पर स्वर्ण कलश अलग ही दिखाई देंगे। अभी स्वर्ण कलश और शिखर का रंग एक जैसा होने से कलश साफ दिखाई नहीं देते।
इस संबंध में नगर निगम राजस्व समिति के अध्यक्ष रजत मेहता ने बताया कि महाकाल मंदिर क्षेत्र के बोर्ड भगवा रंग में करने का प्रस्ताव है। इसके लिए जयपुर और कोटा के चौराहों का अध्ययन कर स्मार्ट सिटी को पत्र भेजा जाएगा। बोर्ड पर संचालक के नाम और मोबाइल लिखने के साथ ही यह प्रावधान जोडऩे पर विचार चल रहा।
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