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नई दिल्ली। देश में पिछले वर्ष के मुकाबले इस साल दोगुना भूकंप के झटके महसूस किए गए। साल 2022 में 65 बार धरती हिली जबकि साल 2023 में 124 भूकंप की घटनाएं दर्ज की गई। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
इस जानकारी के अनुसार, भूकंप के ज्यादा झटकों का मुख्य कारण पश्चिमी नेपाल में अल्मोड़ा फॉल्ट का सक्रिय होना है। इस सक्रियता के कारण 24 जनवरी, 2023 को 5.8 तीव्रता, 3 अक्टूबर को 6.2 तीव्रता और 3 नवंबर को 6.4 तीव्रता का भूकंप आया। इन मुख्य झटकों के साथ-साथ बाद के झटकों के कारण वर्ष 2023 में भूकंपों की आवृत्ति में वृद्धि हुई है। हालांकि, इस अवधि के दौरान भूकंपीय हलचल में कोई बदलाव नहीं आया।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार उत्तरी भारत और नेपाल में कभी-कभी मध्यम भूकंप और भूकंपीय गतिविधि में उतार-चढ़ाव का अनुभव होना आम बात है। नेपाल और भारत का पड़ोसी उत्तरी भाग, हिमालय क्षेत्र की सक्रिय दरारों के पास स्थित अत्यधिक भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र हैं, जहां टेक्टोनिक्स प्लेटों के टकराने के कारण अक्सर भूकंप आते हैं। यहां भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट के नीचे दब जाती है।
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