Video

Advertisement


राज्य संग्रहालय में विश्व धरोहर सप्ताह अंतर्गत गतिविधियों का शुभारंभ
राज्य संग्रहालय में विश्व धरोहर सप्ताह अंतर्गत गतिविधियों का शुभारंभ

संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर ने कहा है कि पुरातत्व को आकर्षक, रोचक और आसान भाषा में भावी पीढ़ी तक पहुँचाएँ। मंत्री ठाकुर राज्य संग्रहालय में विश्व धरोहर सप्ताह अंतर्गत गतिविधियों के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रही थी। मंत्री ठाकुर ने कहा कि पुरातत्व हमारी पहचान है। इसके तथ्यों को वैज्ञानिक आधार पर प्रस्तुत करें। भावी पीढ़ी में हमारी संस्कृति और धरोहर के प्रति गौरव का भाव विकसित करें। 21वीं सदी का जगतगुरू भारत का निर्माण तभी हो सकता है जब हम विश्वास करें कि हम कालजयी विश्वविजयी संस्कृति के संवाहक हैं। प्रमुख सचिव संस्कृति और पर्यटन शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि पुरातत्व और इतिहास को जन-जन का विषय बनाएँ। हमारे वैभवशाली इतिहास को भावी पीढ़ी तक पहुँचाना विभाग के साथ समाज का भी कर्त्तव्य है। हम सभी को भावी पीढ़ी में अपने इतिहास और संस्कृति के प्रति गर्व और प्रेम की भावना का विकास करना चाहिए। संस्कृति विभाग द्वारा निरंतर इस प्रकार के कार्यक्रम किए जाएंगे।

 

मंत्री ठाकुर ने राज्य संग्रहालय में विश्व धरोहर सप्ताह में मृणमयी प्रतिमाओं की प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। यह प्रदर्शनी डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर पुरातत्व शोध संस्थान के सहयोग से लगाई गई है। मंत्री ठाकुर ने पुरातत्व संचालनालय द्वारा प्रकाशित पुस्तक "छतरपुर जिले का पुरातत्व" का विमोचन भी किया। मंत्री  ठाकुर ने आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में हुई फोटोग्राफी के विजेताओं को पुरूस्कृत किया। पुणे के अनूप गंधे को बिठोजी होलकर की छत्री के छायाचित्र के लिए प्रथम पुरस्कार के रूप में एक लाख रूपये, ग्वालियर के राजेश लाड को मोहम्मद गौस का मकबरा ग्वालियर के छायाचित्र के लिए द्वितीय पुरस्कार के रूप में 50 हजार रूपये और इंदौर के सुधांशु तिवारी को जल महल मांडू के छायाचित्र के लिए तृतीय पुरस्कार के रूप में 25 हजार रूपये एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। साथ ही वाराणसी के सतीश वर्मा, इंदौर के श्री आकर्ष आर्य और कोलकाता के प्रणब बासक को सांत्वना पुरस्कार के रूप में 10 हजार रूपए और प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। राज्य संग्रहालय के कार्यक्रम में डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर पुरातत्व शोध संस्थान भोपाल के निदेशक श्री प्रकाश परांजपे, जीवाजी विश्वविद्यालय के प्रो. एस.के. द्विवेदी, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण दिल्ली के सेवानिवृत्त अधीक्षण डॉ. मेनुअल जोसेफ और अश्विनी शोध संस्थान उज्जैन के निदेशक डॉ. आर.सी. ठाकुर ने पुरातत्व के वैज्ञानिक पहलुओं और उनके महत्व पर व्याख्यान दिया। विभागीय अधिकारियों सहित बड़ी संख्या में पुरातत्व और इतिहास प्रेमी उपस्थित रहे।

 

Kolar News 20 November 2022

Comments

Be First To Comment....

Page Views

  • Last day : 8796
  • Last 7 days : 47106
  • Last 30 days : 63782
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2024 Kolar News.