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पिछले साल राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु द्वारा मप्र में लागू किए गए पेसा कानून को लेकर जागरुकता अभियान चलाने और क्रियान्वयन के लिए पेसा समन्वयकों की नियुक्तियां की गई है। इन नियुक्तियों को लेकर आदिवासी संगठन 'जयस' के कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल रखा है। जयस के राष्ट्रीय संरक्षक और मनावर विधायक डॉ.हीरालाल अलावा ने प्रदेश भर में पेसा ब्लॉक समन्वयकों की नियुक्ति में हुई गड़बड़ी को लेकर आज 11 मार्च को राज्यपाल के नाम ज्ञापन देने को कहा है। जयस कार्यकर्ता आज प्रदेश भर में ज्ञापन देकर नियुक्ति रद्द करने की मांग करेंगे।खरगोन जयस के मीडिया प्रभारी मायाराम अवाया ने वीडियो जारी कर नियुक्तियों में गड़बड़ी का आरोप लगाया। अवाया ने कहा- पेसा एक्ट में ब्लॉक कॉर्डिनेटर के लिए सरकार ने आउटसोर्स के जरिए सेडमैप से वेकैंसी निकाली गई थी। 89 ब्लॉक में लाखों युवाओं ने फार्म डाले थे। उसकी मेरिट लिस्ट बनी थी। इसके बाद युवाओं को मेरिट लिस्ट के आधार पर युवाओं को इंटरव्यू के लिए कॉल लेटर आए और अगले ही दिन उसे अचानक स्थगित कर दिया गया। जब पेसा एक्ट लागू हुआ और नियुक्त हुए लोगों की लिस्ट आई तो उसमें बीजेपी आरएसएस से लोगों की नियुक्ति हुई है। अगर सरकार को इस तरह से आरएसएस के लोगों की नियुक्ति करनी थी तो उन्हें अपने पार्टी फंड से पैसे देने चाहिए। पेसा के ब्लॉक कॉर्डिनेटर्स में कई अयोग्य लोगों का चयन किया गया है। इस भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर सही तरीके से नियुक्ति कर युवाओं का चयन किया जाए।89 आदिवासी विकासखंडों में पेसा समन्वयकों की नियुक्ति के लिए पंचायती राज संचालनालय ने आउटसोर्स के जरिए पेसा ब्लॉक कॉर्डिनेटर की भर्ती सैडमैप के जरिए कराई है। बीते 8 फरवरी को सैडमैप ने इंटरव्यू की प्रक्रिया को होल्ड कर दिया था। इसके बाद जो चयनित उम्मीदवारों की सूची जारी हुई उसको लेकर जयस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि इसमें बीजेपी और आरएसएस के कार्यकर्ताओं का चयन किया गया है।
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