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भोपाल । मध्यप्रदेश में मानसूनी बारिश ने अपनी रफ्तार पकड़ ली है। राजधानी भोपाल में सुबह 5 बजे से रुक-रुककर कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश का दौर जारी है। लगातार बारिश के कारण तवा डैम के 5 गेट और कलियासोत डैम के 3 गेट खोले गए हैं। अब भदभदा डैम के भी गेट खोले जाएंगे। प्रदेश के 11 जिलों में दो दिन शुक्रवार - शनिवार बारिश का रेड अलर्ट है। प्रदेश में सीजन की 55 प्रतिशत यानी एवरेज 19.7 इंच बारिश हो चुकी है। जून और जुलाई में कोटे से ज्यादा पानी गिरा है।
मौसम विभाग ने बताया कि गुरुवार को मानसून ट्रफ एमपी के ऊपर रही। वेस्ट बंगाल में एक्टिव साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एमपी की ओर आने लगा। एक और साइक्लोनिक सर्कुलेशन नॉर्थ-ईस्ट राजस्थान के ऊपर है। दो अन्य सिस्टम भी एक्टिव हैं। इस वजह से प्रदेश में बारिश का दौर जारी रहा। अगस्त के पहले ही दिन प्रदेश के 23 जिलों में बारिश हुई। मानसून ट्रफ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से सिस्टम स्ट्रॉन्ग है। यह सिस्टम 5 अगस्त तक पूरे प्रदेश को तरबतर करेगा।
वहीं, लगातार बारिश की वजह से शुक्रवार सुबह 8 बजे नर्मदापुरम में तवा बांध के भी 5 गेट खोल दिए गए हैं। तवा नदी पर बने इस बांध का पानी नर्मदा में जाता है। अगर गेट खुलते हैं, तो नर्मदापुरम, हरदा में नर्मदा नदी में पानी बढ़ेगा। यही पानी इंदिरा सागर बांध को भी भरता है। बता दें कि प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश सिवनी जिले में 32 इंच हो गई। यह कोटे की बारिश की 10.80 इंच ज्यादा है। मंडला, नर्मदापुरम, भोपाल, रायसेन और छिंदवाड़ा ऐसे जिले हैं, जहां बारिश का आंकड़ा 25 इंच या इससे ज्यादा है। रीवा सबसे पिछड़ा जिला है। यहां 8 इंच बारिश ही हुई है।
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