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मध्य प्रदेश में भोपाल शहर के वन विहार नेशनल पार्क में मंगलवार को एक आदमखोर बाघ रेस्क्यू सेंटर से लापता हो गया। जिसके बाद पर्यटकों को वहां से सुरक्षित बाहर निकाला गया। अधिकारी ने बताया कि शौर्य नामक छह-साल का बाघ लगभग छह घंटे तक अपने बाड़े से बाहर रहा बाद में उसे बेहोश करके वापस बाड़े में छोड़ा गया। जानकारी के मुताबिक, नेशनल पार्क में सुबह के वक्त बड़ी संख्या में लोग मॉर्निंग वॉक के लिए आते हैं, ऐसे में अगर समय रहते वन विहार की टीम ऐक्शन में ना आई होती तो बड़ा हादसा हो सकता था। वन विहार के निर्देशक एच. सी. गुप्ता ने एक बयान में कहा कि बाघ के बाड़े से गायब होने के सूचना मिलने पर पर्यटकों को वन विहार परिसर से सुबह करीब दस बजे सुरक्षित निकाल लिया गया। बाघ को उद्यान से बाहर जाने से रोकने के लिए विभिन्न स्थानों पर टीम को तैनात किया गया।
गुप्ता ने कहा कि वन विहार के दोनों प्रवेश द्वारों को बंद करने के बाद तलाशी अभियान शुरू किया गया और बाद में एक टीम ने हिरण के बाड़े में एक पेड़ के नीचे बाघ को सोते हुए पाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उद्यान के पशु चिकित्सक डॉ अतुल गुप्ता और एक दल ने बाघ को बेहोश किया और उसे वापस उसके बाड़े में भेज दिया। गुप्ता ने बताया कि पहली नजर में ऐसा लगता है कि बाघ अपने बाड़े से इसलिए बाहर निकल सका क्योंकि चौकीदार ने दरवाजा खुला छोड़ दिया होगा। उन्होंने बताया कि शौर्य को हरदा जिले से पिछले साल 13 जनवरी को घायल अवस्था में बचाया गया था। इसके बाद वन विहार बचाव केंद्र में उसका इलाज करने के बाद मार्च माह में उसे सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया लेकिन पिछले साल जून में ही उसे फिर यहां लाया गया। अधिकारियों के मुताबिक बाघ करीब छह घंटे तक अपने बाड़े से बाहर रहा। वह कथित तौर पर सुबह करीब आठ बजे लापता हो गया था लेकिन सुबह दस बजे यह मामला सामने आया।
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