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भोपाल लगातार स्वच्छता सर्वेक्षण में पीछे आ रहा है.अब नगरपालिका और नगरपरिषदों को स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 पर फोकस करने के लिए कहा गया है। इससे पहले नपा में सिर्फ डाक्यूमेंटेशन का काम ही किया गया है। अब जबकि सर्वेक्षण की यह चौथी तिमाही है तो शासन और प्रशासन इस पर फोकस करने लगे हैं, लेकिन शहर में इसको लेकर अभी कोई बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। अशोक नगर मोहल्ले में खाली प्लाटों में ट्रेंचिंग ग्राउंड की तरह कचरा पटा पड़ा है, जबकि घर-घर से कचरा एकत्रित करने वाले वाहनों की संख्या 10 की जगह 14 हो गई है।शहर में प्रतिदिन 8 से 10 टन कचरा निकलता है, लेकिन ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरे का निपटान नहीं हो रहा है। इससे वहां 25 हजार टन से अधिक कचरा जमा हो गया है। कचरे का उचित निपटान न होने से 2022 में नगरपालिका को वेस्ट जोन में अपनी आबादी वाले समूह में राष्ट्रीय स्तर पर 131 और राज्य स्तर पर 50 वीं रैंक मिली थी। इस बार नगरपालिका राज्य स्तर पर 20 तक रैंक लाने का लक्ष्य लेकर चल रही है।इधर शुक्रवार को जिले भर के सीएमओ के साथ बैठक में कलेक्टर अरविंद दुबे ने स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छी रैंक लाने के लिए माइक्रो लेवल पर काम करने के लिए कहा है। इससे स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में रैंकों में सुधार लाया जा सके।
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