Advertisement
उज्जैन। श्रावण/भादौ मास निकलने वाली सवारियों के क्रम में ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल की दसवीं और शाही सवारी सोमवार, 11 सितम्बर को निकलेगी। सवारी मार्ग और शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। करीब पांच लाख श्रद्धालु शामिल होंगे। शाही सवारी हमेशा लंबे मार्ग से निकलती है, ताकि अधिसंख्य श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर सके। सवारी के दौरान भगवान दस स्वरूप में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे।
श्री महाकालेश्वर भगवान की दसवीं सवारी में पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव,नन्दी रथ पर उमा-महेश,रथ पर होलकरों का मुघोटा, घटाटोप, जटाशंकर, रुद्रेश्वर,चंद्रशेखर स्वरूप और दसवें सप्तधान्य स्वरूप में रथ में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे।
श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन होगा। उसके पश्चात भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी जाएगी।
उसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग से हटकर लंबे मार्ग के लिए निकलेगी। सवारी मंदिर से महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। जहॉ क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन होगा। सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यीनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा,मिर्जा नईम बेग मार्ग,तेलीवाड़ा, कंठाल,सतीगेट, छोटा सराफा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर रात्रि 11 बजे से पूर्व पहुंचेगी।
Kolar News
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.
Created By:
![]() |