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अनूपपुर। चचाई स्थित कैल्होरी गांव में स्थापित अमरकंटक ताप विद्युत गृह के राखड़ डैम के फूटने के बाद उसमें भंडारित पानी राखड़ के साथ सोन नदी में पहुंच गया है। बांध के टांकी नाला से बहते हुए राखड़ डैम का पानी खेतों में भरने के बाद सोन नदी में पहुंच गया। राखड़युक्त पानी के नदी में मिलने से आसपास के पानी का रंग भी राखड़युक्त हो गया है। इसे देखकर आसपास के नदी तट और जलीय जीवों के प्रभावित होने का खतरा मंडराने लगा है।
शुरुआती समय में पीसीबी ने सोननदी में राखड़ डैम के फूटे राखड़युक्त पानी के उतरने से इंकार किया था। लेकिन अब खुद पीसीबी भी मानता है कि कुछ पानी सोननदी में मिला हैं, लेकिन उसमें राखड़ की मात्रा नहीं है, बल्कि राखड़ के रंगत में सिर्फ पानी है। वहीं जिला प्रशासन ने भी दलील दी है कि सोननदी में राखड़युक्त पानी नहीं मिला है। लेकिन डैम से बहा पानी जरूर नदी में गया होगा।
पीसीबी का कहना है कि डैम के पानी को नदी में जाने के लिए अनुमति है। जिसमें किसी कारणों में अगर डैम का पानी नदी में जाता है तो राखड़ नहीं जाएगा। गत 10-11 फरवरी की रात डैम के फूटने के बाद पानी तेजी के साथ आसपास के खेतों में जरूर भरा था, ड्रोन सर्वेक्षण और राजस्व टीम की जानकारी में तीन किसानों के द्वारा नाला को नुकसान पहुंचाने के कारण उनके खेतों में राखड़ अवश्य जमा होना पाया गया है। इसके अलावा डैम से बारिश या जरूरत के अनुसार पानी निकासी के लिए बनाया गया। टाकी नाला 4 किलोमीटर दूर जाकर शासकीय भूमि में समाप्त हो जाती है, वहां से नदी की कुछ दूरी है। घटना के दिन राखड़ खेतों और नाला में ही जमा हो गया। संभव है कि इनमें से पानी छनकर नदी तक पहुंचा होगा और मिला होगा। लेकिन इनमें राखड़ की मात्रा नाममात्र होगी और इससे नदी को नुकसान नहीं होगा।
प्रमुख सचिव उर्जा और संभागायुक्त को लिखा पत्र
कलेक्टर सोनिया मीणा ने बताया कि घटना विभागीय लापरवाही के कारण घटित हुई, डैम का नियमित जांच पड़ताल और मेंटनेंस नहीं किया गया। 2005 में बनाए गए नए डैम से अब तक राखड़ नहीं निकाले गए थे, वहीं नाला में पानी निकासी के लिए बनाए गए पुल के पास मिट्टी और राखड़ के कटाव के कारण पुलिया धसक गई और लगभग लाख लीटर से अधिक पानी राखड़ के साथ बह गया था। इस घटना की जांच के लिए प्रमुख सचिव उर्जा विभाग और शहडोल संभागायुक्ता को भी पत्र लिखा गया है। जिसमें कारणों की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाए। कलेक्टर ने बताया कि पटवारी की तरफ से सर्वे किया जा रहा है, वहीं पावर प्लांट प्रबंधन द्वारा भी खेतों से राखड़ को निकाला जा रहा है। किसानों के खतों में लगी फसलों के नुकसान की रिपोर्ट पर आरबीसी 6/4 के कार्रवाई की जाएगी। वहीं पावर प्लांट ने किसानों के होने वाले नुकसान के लिए मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।
राजस्व और प्रबंधन ने अब तक नहीं दी रिपोर्ट
कलेक्टर ने बताया कि घटना और आसपास के किसानों को हुए नुकसान मामले में पावर प्लांट और राजस्व विभाग को जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे। जिसमें अभी तक राजस्व और पावर प्लांट प्रबंधन द्वारा कोई रिपोर्ट नहीं सौंपा गया है। रिपोर्टो के परीक्षण के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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