Advertisement
रतलाम। राकेश मन्नालाल सकलेचा परिवार के घास बाजार स्थित निवास से वर्षीदान वरघोड़ा शुक्रवार प्रात: निकला, इसमें दीक्षार्थी मुमुक्ष रत्न वल्लभ भाई, पत्नी वर्षा बहन सहित पुत्री केजल कुमारी के आगे-आगे मुनिराज कल्याणरत्नविजय महाराज सहित आदीठाणा चल रहे थे। दीक्षार्थी दंपती और पुत्री अपने हाथों से नोट व सांसारिक वस्तुएं लुटाकर वैराग्य प्रकट कर रहे थे। चल समारोह का अलग-अलग मार्गों पर जैन श्रद्धालुओं ने बहुमान भी किया। वरघोड़ा घास बाजार, माणकचौक, डालूमोदी चौराहा, नाहरपुरा, धानमंडी, तोपखाना होते हुए चांदनीचौक से लक्कड़पीठा मार्ग पहुंच सागौद रोड स्थित कार्यक्रम स्थल पहुंचा।
पारिवारिक जिम्मेदारियों का बखूबी निवर्हन करें
मुनिराज कल्याणरत्नविजय महाराज ने प्रवचन देते हुए कहा कि जीवन में जो काम दवा नहीं करती वह काम सिर्फ आपके विचार कर देते हैं। मानव जीवन में प्रत्येक व्यक्ति को अंतरात्मा से सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते हुए सांसारिक जीवन की जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए। मुनिराज ने सकलेचा परिवार के तीन सदस्यों के दीक्षा के दौरान कहा कि जीवन में यह मोड़ कई बदलाव लाता है। मोक्ष के रास्ते पर चलना ही जीवन का सही अर्थ है। मुनिराज ने श्रावकों से कहा कि मैं ऐसा नहीं कहता कि आप पारिवारिक जिम्मेदारियों को छोडकर सांसारिक मोह त्यागे। पहले पारिवारिक जिम्मेदारियों का बखूबी निवर्हन करें और उसके बाद आपको लगे कि आपने अपने सभी कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाया है और अब आपके पास अन्यंत्र किसी प्रकार की जवाबदेही नहीं है, इसके बाद आप आत्मकल्याण के लिए अंतर्मन से विचार करें।
सुबह लेंगे दीक्षा
मुमुक्ष रत्न 48 वर्षीय वल्लभभाई, पत्नी वर्षा बहन सहित 17 वर्षीय पुत्री केजल कुमारी 7 मई को सांसारिक मोह त्याग दीक्षा ग्रहण करेंगी। आत्मकल्याण भूमि पर सकलेचा दंपती के अलावा पुत्री की दीक्षा आत्मा से परमात्मा की ओर मार्ग प्रशस्त करने जा रहा है। आत्म कल्याण उत्सव अंतर्गत 7 मई को सुबह मुनिराज के सानिध्य में सुबह 6 बजे दीक्षाविधि का शुभारंभ किया जाएगा। दीक्षाविधि पश्चात तीनों दीक्षार्थी मुनिराज श्री कल्याणरत्नविजयजी महाराज और आदीठाणा के साथ अहमदाबाद के लिए सागोद रोड होते हुए शिवगढ़, रावटी और कुशलगढ़ होते हुए विहार करेंगे।
Kolar News
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.
Created By:
![]() |