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भोपाल। राजधानी भोपाल के कोलार रोड स्थित विंध्याचल स्कूल अकादमी में पढ़ने वाले 10वीं और 12वीं क्लास के सभी बच्चे फेल हो गए। रिजल्ट की कॉपी मिलते ही सभी बच्चों के अभिभावक स्कूल पहुंच गए। उन्होंने मैनेजमेंट पर लापरवाही बरतने और बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने के आरोप लगाए। अभिभावकों ने स्कूल का घेराव कर इसकी शिकायत सीबीएसई के रीजनल ऑफिस आराम मॉल को भी दी है।
दरअसल, सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा 2022 नई शिक्षा नीति के तहत आयोजित की जा रही है। सीबीएसई टर्म 1 परीक्षा दिसंबर 2021 में हुई थी। सीबीएसई द्वारा हाल ही में कक्षा 10वीं और 12वीं का टर्म 1 रिजल्ट जारी किया है। यह रिजल्ट वेबसाइट पर न जारी करके सीधे स्कूलों में भेजा गया है। भोपाल के विंध्याचल अकादमी में पढ़ने वाले 10वीं और 12वीं के सभी विद्यार्थियों के फेल होने का मामला सामने आया है। बुधवार को अभिभावकों ने स्कूल पहुंचकर घेराव करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया और स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगाए।
स्कूल में प्रदर्शन करने पहुंचे रिटायर्ड फौजी कांता कुमार यादव ने बताया कि उनकी बेटी का रिजल्ट आने के बाद से ही रो-रोकर बुरा हाल है। वह टॉपर थी, लेकिन उसे भी फेल कर दिया गया। उसकी क्लास में कोई भी पास नहीं हुआ। यह हाल 10वीं और 12वीं दोनों क्लास का है। दोनों ही क्लास में कोई भी बच्चा पास नहीं हुआ। वह स्कूल जरूर आए, लेकिन उन्हें कुछ भी साफतौर पर जानकारी नहीं दी जा रही है।
एक अन्य अभिभावक प्रमोद दुबे ने बताया कि स्कूल प्रबंधन अपनी बात कह रहा है। रीजनल ऑफिस से कोई जवाब नहीं मिला। ऐसे में अब उनके बच्चों का क्या होगा, उन्हें समझ नहीं आ रहा है। बच्चों की हालत रिजल्ट मिलने के बाद से ही खराब है। हमें अपने बच्चों पर विश्वास है। इस मामले में बोर्ड को जल्द से जल्द कुछ निर्णय लेना चाहिए।
वहीं, स्कूल की प्रिंसिपल सिसीलिया ने बताया कि उनके स्कूल की 10वीं और 12वीं क्लास का सेंटर राजीव गांधी स्कूल था। वहीं पर बच्चों के नंबर भरे गए। वहीं पर बड़ी गड़बड़ी हुई है। हमने भोपाल के सीबीएसई रीजनल ऑफिस में शिकायत की है। स्कूल मैनेजमेंट ने खुद इस मामले को स्पेशल केस बताते हुए जल्द से जल्द मामले की पूरी जांच किए जाने की मांग की है।
उन्होंने बताया कि कक्षा 10वीं में मैथ्स और साइंस में सभी 73 और 12वीं में सभी 61 बच्चे इंग्लिश में फेल हुए हैं। उन्होंने कहा है कि राजीव गांधी स्कूल से पूरा डेटा, बैठक, कॉपी और प्रश्नपत्र मंगवाकर अपने स्तर पर जांच कराएंगे। इसके बाद दिल्ली बोर्ड के आदेश पर ही आगे की कार्रवाई हो सकेगी। अगर दोबारा से जांच भी होती है तो रिजल्ट टर्म-2 के साथ ही बताया जाएगा। हमने इस पूरे मामले को स्पेशल केस मानकर जांच किए जाने की मांग की है।
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