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चुनावी साल में अब मध्यप्रदेश सरकार को प्रदेश के बुजुर्गों ने भी घेरने की तैयारी शुरू कर दी है। बुजुर्गों ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर सरकार विचार नही करती तो आगामी दिनों में भोपाल वल्लभ भवन को घेरने से भी बाज नही आयेंगे। पेंशनर्स संघ ने अपने आंदोलन का आगाज जबलपुर से कर दिया है। नर्मदा नदी के उमा घाट में पेंशनर्स ने जल सत्याग्रह किया और सरकार को चेतावनी भी दी है।दरअसल शासकीय कर्मचारियों की तरह पेंशनर्स भी मंहगाई राहत और पुराने एरियर्स की मांग सरकार से कर रहें है, पर जब सरकार ने इस और ध्यान नही दिया तो पेंशनर्स सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में आ गए है, लगातार आंदोलन कर रहे राज्य सरकार के पेंशनर्स ने आज जबलपुर में जल सत्याग्रह किया। पेंशनर्स संघ के सैकड़ों सदस्य आज नर्मदा मनदी के गौरीघाट पहुंचे और उमा घाट में उतर कर अर्धनग्न प्रदर्शन किया।नदी में खड़े होकर पेंशनर्स ने यहां घंटों तक खड़े होकर सरकार का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया। पेंशनर्स की मांग है कि राज्य पुनर्गठन की धारा 49 को खत्म किया जाए, जिसके तहत अगर किसी एक राज्य में पेंशनर्स का डीए बढ़ाना हो तो दोनों राज्यों यानि मध्यप्रदेश और छत्तीगढ़ की मंजूरी ज़रुरी होती है जिससे पेंशनर्स की मंहगाई राहत अटक जाती है... पेंशनर्स एसोसिएशन का कहना है कि अगर उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गईं तो वो आगे जाकर अपना आंदोलन और तेज करेंगे।पेंशनर्स संघ के नर्मदा नदी में आंदोलन करते हुए मध्यप्रदेश पेंशनर्स संघ के प्रदेश अध्यक्ष एचपी उरमालिया ने कहा कि ये चुनावी साल है और हम अपनी लड़ाई 2018 से लड़ रहें है पर सरकार है कि इस और ध्यान नही दे रहीं है। पेंशनर्स ने मां नर्मदा से विनती की है कि वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को सद्बुद्धि दे कि वह हमारी मांगों पर विचार करें, और उनकी कुर्सी सलामत रहें, अगर हमारी मांगों पर विचार नही हुआ तो मां नर्मदा का आशीर्वाद भी मुख्यमंत्री को नही मिलेगा और फिर किसी कीमत में उनकी कुर्सी सलामत नही रह सकती।
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