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भोपाल। मध्यप्रदेश में मानसून ट्रफ लाइन और साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से आंधी-बारिश की गतिविधियां जारी है। कई जिलों में इतनी तेज बारिश हो रही है कि सड़कें तालाब बन गई हैं। नर्मदा समेत अन्य नदियां भी उफान पर आ रही हैं। बुधवार को भी इंदौर, उज्जैन समेत 18 जिलों में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
गौरतलब है कि प्रदेश में 21 जून को मानसून ने दस्तक दी थी। तभी से रुक-रुककर, कभी तेज तो कभी हल्की बारिश हो रही है। पिछले 2 दिन से तेज बारिश का दौर बना हुआ है। मौसम विभाग ने बताया- सिस्टम की वजह से अगले पांच दिन तक तेज बारिश का दौर बना रहेगा। बुधवार को उज्जैन, नीमच, मंदसौर, रतलाम, देवास, खरगोन, खंडवा, छिंदवाड़ा, कटनी में भारी बारिश का अलर्ट है, जबकि भोपाल, आगर-मालवा, राजगढ़, झाबुआ, बड़वानी, इंदौर, रायसेन, पांढुर्णा, डिंडोरी में तेज बारिश हो सकती है। प्रदेश में अब तक एवरेज 10.6 इंच बारिश हो चुकी है।
वहीं, लगातार बारिश होने से प्रदेश के बड़े डैम और तालाब में भी पानी बढ़ रहा है। भोपाल की लाइफ लाइन बड़ा तालाब में 1659.50 फीट पानी जमा हो गया है। सीहोर के कोलार, शहडोल के बाणसागर, खंडवा के ओंकारेश्वर, जबलपुर के बरगी, नर्मदापुरम के तवा डैम, भोपाल के कलियासोत डैम में भी एक से दो फीट तक पानी बढ़ा है।
इससे पहले मंगलवार को भोपाल, बैतूल समेत प्रदेश के 14 जिलों में बारिश हुई। बैतूल में करीब 1 इंच पानी गिर गया। धार, गुना, नर्मदापुरम, इंदौर, नर्मदापुरम के पचमढ़ी, रायसेन, रतलाम, उज्जैन, छिंदवाड़ा, मंडला, सिवनी, बालाघाट के मलाजखंड में भी कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हुई। शाजापुर के कालापीपल और आसपास के ऊपरी इलाकों में रुक-रुक कर बारिश हुई। इससे नदी-नालों में बाढ़ आ गई। कालापीपल-अरनिया कला रोड पर आवागमन बंद होने से कई गांवों का संपर्क टूट गया। उज्जैन में सड़कों पर डेढ़ फीट तक पानी भर गया।
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