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भोपाल। मध्यप्रदेश में मानसून के स्ट्रांग सिस्टम की वजह से हर दिन बारिश का दौर जारी है। प्रदेश में एवरेज 14.6 इंच यानी इस मानसून सीजन की 35 प्रतिशत बारिश हो चुकी है। बारिश के कारण नर्मदा का जलस्तर 2 फीट बढ़ गया है। दूसरी नदियों और बांधों में भी लगातार पानी का लेवल बढ़ रहा है। इस वजह से कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। गुरुवार को भी भोपाल, जबलपुर समेत 18 जिलों में तेज बारिश का अलर्ट जारी है।
मौसम विभाग के मुताबिक मानसून ट्रफ ऊपर चली गई है। लो प्रेशर एरिया साइक्लोनिक सर्कुलेशन के रूप में एक्टिव है। एक अन्य साइक्लोनिक सर्कुलेशन नॉर्थ गुजरात में है। यह मानसून ट्रफ के साथ मर्ज हो गया है। इन वजहों से प्रदेश में बारिश हो रही है। 28 जुलाई से फिर स्ट्रॉन्ग सिस्टम की एक्टिविटी हो सकती है। 29 और 30 जुलाई को उत्तरी हिस्से में तेज बारिश होने का अनुमान है।
इससे पहले बुधवार को प्रदेश के 24 जिलों में बारिश हुई। टीकमगढ़ में सबसे ज्यादा 3.5 इंच पानी गिरा। रीवा में 2.4 इंच और उमरिया में डेढ़ इंच बारिश हुई। वहीं, गुना, दमोह, जबलपुर, खजुराहो, मलाजखंड में आधा इंच पानी गिरा। भोपाल, बैतूल, धार, ग्वालियर, नर्मदापुरम, सतना, सिवनी, इंदौर, खंडवा, खरगोन, पचमढ़ी, रतलाम, उज्जैन, मंडला, नरसिंहपुर, रीवा में भी बारिश हुई। सागर, टीकमगढ़, बीना में बाढ़ के हालात बन गए हैं। बुधवार को सागर में पगरा डैम के 11 में से 5 गेट खोलकर पानी छोड़ा गया। जबकि बीना के बिल्धव में लोगों को घरों की छतों से रेस्क्यू करना पड़ा। दतिया के सनकुआ धाम में युवक सिंध नदी में बह गया।
बता दें कि सीजन में पहली बार प्रदेश में बारिश का आंकड़ा औसत बारिश के बराबर आया है। प्रदेश में 14.6 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक इतनी ही बारिश होनी चाहिए थी। प्रदेश के पश्चिमी हिस्से- भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, ग्वालियर-चंबल संभाग में एवरेज से 4 प्रतिशत ज्यादा पानी गिर चुका है जबकि पूर्वी हिस्से- रीवा, सागर, जबलपुर और शहडोल संभाग में 5 प्रतिशत कम बारिश हुई है।
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