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जेनेवा में UN की बैठक में भारत के भगोड़े स्वामी नित्यानंद के कथित देश कैलासा की प्रतिनिधि भी नजर आई। नित्यानंद ने ट्वीट कर कहा- स्विटजरलैंड के जेनेवा में UN मीटिंग के दौरान कैलासा की एक महिला भक्त ने इकोनॉमिक और सोशल राइट्स के साथ सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर चर्चा में हिस्सा लिया। कैलासा की प्रतिनिधि नित्यानंद की तरह ही पारंपरिक कपड़ों और ज्वैलरी में नजर आईं।नित्यानंद पर भारत में शिष्यों से रेप और किडनैपिंग के आरोप लगे थे। 2019 में वो देश छोड़कर भाग गया था। उसने अपना अलग द्वीप बसाने और इसे अलग देश का दर्जा मिलने का दावा किया था। हालांकि, अब तक इस द्वीप या देश को किसी देश ने मान्यता नहीं दी है।जेनेवा मीटिंग से पहले भी UN कैलासा के प्रतिनिधियों की कुछ रिपोर्ट्स को पब्लिश कर चुका है। इनमें हिंदुओं के साथ ही कैलासा के धर्मगुरु नित्यानंद पर हुए अत्याचारों का जिक्र किया गया था। इसके अलावा UN कमेटी में कैलासा की वेबसाइट पर भी इन रिपोर्ट्स को दिखाया गया। कैलासा ने UN को महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर भी रिपोर्ट्स सौंपी हैं।UN की ऑफिशियल वेबसाइट कैलासा को 193 मेंबर स्टेट्स में शामिल नहीं करती। दरअसल, एक ‘तथाकथित’ देश (या संगठन) को भी UN के कुछ खास सेशन्स में प्रतिनिधि भेजने का अधिकार है। इसके लिए UN मेंबर होना जरूरी नहीं है। फिलिस्तीन और बलूचिस्तान के प्रतिनिधि भी UN मीटिंग्स का हिस्सा रह चुके हैं। कैलासा को आज तक किसी भी देश ने अलग कंट्री के तौर पर मान्यता नहीं दी है।2010 में नित्यानंद की एक शिष्या ने उस पर रेप का आरोप लगाया था। तहकीकात के बाद 2019 में गुजरात पुलिस ने कहा था कि नित्यानंद के आश्रम में बच्चों को किडनैप करके रखा जाता है। इसके बाद पुलिस ने छापा मारकर 2 लोगों को गिरफ्तार किया था। आश्रम में बच्चों की पिटाई भी की जाती थी। नित्यानंद ने हमेशा अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को खारिज किया।
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