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महिलाओं में उद्यमशीलता बढ़ने से आथिक प्रगति हुई है। यह बात आज भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान भोपाल में केन्द्रीय कृषि महिला संस्थान भुवनेश्वर के संयुक्त तत्वावधान में हुई 2 दिवसीय कार्यशाला के समापन अवसर पर विशेषज्ञों ने कही। अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज (मिलेट्स) वर्ष 2023 में मिलेट्स के उत्पादन एवं प्र-संस्करण से महिला सशक्तिकरण पर हुई कार्यशाला में 250 से अधिक महिला कृषक और विशेषज्ञों ने सहभागिता कर अपने अनुभव साझा किये।
समापन-सत्र में निदेशक, केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान डॉ. सी.आर. मेहता ने कहा कि आज देश में महिलाएँ प्रत्येक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उनके योगदान से देश प्रगति पथ पर अग्रसर है। उन्होंने ग्रामीण महिलाओं से आहवान किया कि उन्हें संस्थान द्वारा विकसित फार्म एवं प्र-संस्करण यन्त्र चलाने एवं मिलेट्स के प्र-संस्कृत उत्पाद बनाने के लिए आगे आना चाहिए। इससे महिलाओं को स्व-रोजगार और उत्तम स्वास्थ्य लाभ होगा। महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण भी होगा। प्रधान वैज्ञानिक, केन्द्रीय कृषि महिला संस्थान भुवनेश्वर डॉ. सबिता मिश्रा ने बताया कि देश में विभिन्न स्थानों पर मिलेट्स आधारित प्र-संस्करण में ग्रामीण महिलाओं में उद्यमशीलता बढ़ी है, जिससे उनकी आर्थिक प्रगति हुई है।
प्रभागाध्यक्ष, सिंचाई एवं जल निकासी अभियांत्रिकी डॉ. के.वी.आर. राव ने कहा कि कम जल एवं कम उपज वाली मृदा में भी मिलेट्स का उत्पादन किया जा सकता है। वैज्ञानिक, कृषि यंत्रीकरण प्रभाग डॉ. स्वीटी कुमारी ने महिला उपयोगी कृषि यंत्रों की महत्वपूर्ण प्रस्तुति दी। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञ डॉ. अंकिता पांडेय ने मिलेट्स के विपणन और ब्रांडिंग से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी। समापन-सत्र में विभिन्न स्थानों के महिला किसान संगठनों के प्रमुख और गैर सरकारी संगठन के प्रतिनिधिओं ने भी भाग लिया। प्रधान वैज्ञानिक, केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान डॉ. दिपिका मुरूगकर ने पोषण संबंधी संशयों को दूर करने के लिये प्रश्नों के उत्तर दिये।
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