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हरदा । मध्य प्रदेश के हरदा में मंगलवार को अमावस्या पर नर्मदा स्नान करने आए तीन युवकों की डूबने से मौत हो गई। सूचना के बाद पुलिस और एसडीआरएफ टीम मौके पर पहुंची और तीनों के शव पानी से बाहर निकाले। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक दो युवक गहरे पानी में चले गए थे, जिन्हें बचाने तीसरा युवक गया था। घटना की जानकारी लगने पर घाट पर बड़ी संख्या में ग्रामीण जुट गए। फिलहाल पुलिस ने शवाें काे पाेस्टमार्टम के लिए भेज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार घटना मंगलवार सुबह दाेपहर करीब साढ़े ग्यारह बजे लछौरा गांव की है। डगवानीमा निवासी देवू उर्फ देवेंद्र पुत्र शिवनारायण जाट (23), भुन्नास गांव निवासी करण पुत्र महेश जाट (20) सहित एक अन्य दोस्त नदी में नहाते समय ज्यादा गहराई में चले गए और डूबने लगे। इसी दौरान घाट पर मौजूद लहाड़कुई निवासी रामदास पुत्र रामनाथ सेजकर (38) ने उन्हें देखा और बचाने के लिए नदी में कूद गया। उन्होंने एक दोस्त को तो बचा लिया, लेकिन जब देवेंद्र और करण को बचाने दोबारा नदी में गए तो खुद भी डूब गए। जहां युवक नहा रहे थे, वहां पानी की गहराई अधिक थी। इस कारण तीनों को संभलने का मौका नहीं मिला। घटना की जानकारी लगने के बाद मौके पर टिमरनी एसडीओपी आकांक्षा तलया, करताना पुलिस चौकी प्रभारी सहित पुलिस व होमगार्ड के जवान पहुंचे। तीनों युवकों के शव पानी से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल लाए जा रहे हैं।
करताना चौकी प्रभारी अनिल गुर्जर ने बताया कि घटना घाट से लगभग 700 मीटर दूर हुई। दो युवक नहाते समय डूबने लगे। उन्हें बचाने गया तीसरा युवक भी नदी की तेज धार में डूब गया। होमगार्ड और पुलिस के जवानों ने तीनों के शवों को नदी से बाहर निकाला। पंचनामा की कार्रवाई के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए टिमरनी भेजा गया है। बता दें कि अमावस्या होने के कारण घाट पर पहले से ही श्रद्धालु स्नान कर रहे थे, लेकिन कोई उन्हें बचा नहीं सका। इस घटना के बाद प्रशासन और पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे है। प्रतिमाह अमावस्या के पहले अधिकारी बैठक कर ग्रामीणों को सुरक्षित स्नान करने की समझाइश देते हैं। इसके बाद भी घटनाएं नहीं थम रही हैं। पहले भी नर्मदा के विभिन्न घाटाें पर लोगों के डूबने की घटनाएं हो चुकी है।
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